Nathdwara : नाथद्वारा नगर के गिरिराज पर्वत की तलहटी में स्थित प्रसिद्ध दानघाटी मुखारबिंद पर से दान पात्र हटाया गया

Support us By Sharing

मुखारबिंद पर वैरागी साधुओं ने जमाया अवैध अतिक्रमण, गिरिराज जी मुखारबिंद की सेवा में डाल रहे व्यवधान

नाथद्वारा  |व्यवधान सेवा समिति के सदस्यों द्वारा तिलकायत महाराज श्री व मुख्य निष्पादन अधिकारी जी को इन वैरागी साधुओं के अतिक्रमण से मुक्त करवाने हेतु दिया पत्र। ग्यारस पूनम अमावस को गिरिराज जी मुखारबिंद पर विशेष ठाकुर जी ने आय होती आई है जिसके चलते वर्तमान मंदिर का मुखारबिंद पर गठित कमेटी द्वारा निर्माण कार्य करवाया गया है। नाथद्वारा वल्लभ सम प्रदाय कि प्रधान पीठ नाथद्वारा नगर में आज श्री गिरीराज पर्वत श्रीनाथजी (मंदिर मंडल ) का है और दान घाटी मुख़ारबिंद स्थान भी श्रीनाथजी (मंदिर मंडल ) का है l पिछले पंद्रह बीस वर्षों से श्री गिरीराज जी का सेवा क्रम शुरू हुवा है उसमें भी श्रृंगार सेवा पिछले बारह वर्षों से लगातार निरंतर जारी है l श्रृंगार सेवा की जानकारी श्रीमान हुजूर व श्री विशाल बावा साहब को भी है l दिनांक 1 मई को श्रृंगार मनोरथ था जिसका हम आपको निमंत्रण देने भी आये थे लेकिन आप पधारें नहीं थे l पिछले कुछ महीनों से एक व्यक्ति जिसका नाम अशोक वैष्णव है जो सिंहाड़ हनुमान मंदिर में सेवा करता है जो श्री गिरीराज मुख़ारबिंद दानघाटी वाली जगह जो मंदिर मंडल की है उस पर अपना अधिकार बता रहा है और कहता है की यह स्थान उसका निजी है और वो उस स्थान पर अपना कब्ज़ा करना चाहता है l भाई साहब यह अशोक वैष्णव गिरीराजजी दान घाटी पर दिनभर बैठा रहता है और जो सेवा भेंट की धन राशि आती है वो ले जाता है l पहले भी श्री गिरीराज मुख़ारबिंद पर से दो बार भेंट पात्र की चोरी हो चुकी है समिति द्वारा तीसरी बार दान पात्र लगवाया गया जिसका विरोध यह अशोक वैष्णव उसकी पत्नी और अशोक का भाई श्याम आये दिन करते रहते हैं और हमसे विवाद करते रहते हैं l कुछ दिनों पहले चेयरमैन श्री मनीषजी राठी ने श्री गिरीराज जी की सेवा सुचारु रूप से चलती रहे उसके लिए जल व्यवस्था हेतु एक नल कनेक्शन भी करवा दिया था जिसका भी विरोध इस अशोक वैष्णव व उसकी पत्नी ने किया था और कहा था की हमसे बिना पूछे यहाँ गिरीराज जी पर नल कनेक्शन क्यूँ करवाया ? भाई साहब उक्त गिरीराज मुख़ारबिंद पर मैं और श्री गिरीराज श्रृंगार सेवा समिति के सदस्य निस्वार्थ भाव से सेवा पूजा करते हैं और जो भेंट आती है उससे उक्त स्थान को सुरक्षित व विकसित करने का लगातार कार्य विगत वर्षों से निस्वार्थ भाव से करते आ रहे हैं और निरंतर करते रहेंगे l उक्त जो व्यक्ति अशोक वैष्णव उसकी पत्नी ने समिति के दो सदस्यों के खिलाफ पुलिस थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करा रखी है और अनर्गल आरोप लगा रखें हैं l दिनांक 1-5-23 के दिन सुबह करीब 10 बजे के आसपास हमको थाने बुलाया गया था उसके बाद नाथद्वारा उपखण्ड अधिकारीजी श्री मनमोहन जी शर्मा और थानेदार जी दानघाटी पर पधारें थे और कहा था की मैंने ओझा साहब से बात करी है और यह स्थान मंदिर मण्डल का है तब मैंने Sdm साहब से यही कहा था की हाँ यह स्थान मंदिर मंडल का है l sdm साहब ने यह भी कहा था की इस स्थान को मंदिर मंडल के अधीनस्थ कर दिया जायेगा और उन्होंने यह भी कहा की जो दान पात्र दान घाटी पर लगा हुवा है उसे भी हटाने का आदेश दिया था l भाईसाहब मैंने उपखण्ड अधिकारीजी श्री मनमोहनजी शर्मा से यही निवेदन किया था की आप शीघ्र इस गिरीराज जी के स्थान को मंदिर मंडल के अधीनस्थ करवा दीजिए बड़ी कृपा होगी और दान घाटी से दान पात्र भी हटा लेने की भी मैंने हामी भरी थी l भाई साहब आपसे मेरा हाथ जोड़कर निवेदन है की आप कृपा करके श्री गिरीराज जी मुख़ारबिंद दानघाटी वाला स्थान मंदिर मंडल के स्वामित्व में ले लीजिए और मंदिर मंडल की ओर से एक भेंट पात्र दान पात्र लगवा दीजिये जिससे आनेवाली सेवा भेंट राशि मंदिर मंडल के अधीन रहे l एक टाइगर फ़ोर्स के जवान की ड्यूटी भी दान घाटी स्थान पर लगवा दीजिये जिससे वंहा कोई कब्ज़ा नहीं कर सके और आनेवाली भेंट राशि को भी नहीं ले जा सके l अशोक वैष्णव उसका भाई श्याम वैष्णव उक्त गिरीराज जी के स्थान को अपना निजी स्थान मंदिर बता रहे हैं और आये दिन समिति के सदस्यों के संग लड़ाई झगड़ा करते रहते हैं l भाई साहब श्री गिरीराज श्रृंगार समिति के सदस्यों को किसी भी प्रकार का स्वार्थ उक्त स्थान से नहीं है सारे सदस्य यही चाहते हैं की श्री गिरिराज जी मुख़ारबिंद स्थान जल्द से जल्द मंदिर मंडल के अधीनस्थ हो जाये जिससे कोई भी असामाजिक तत्व उक्त स्थान पर अतिक्रमण नहीं कर सके और कब्ज़ा नहीं जमा सके lअशोक वैष्णव की पत्नी ने तो समिति के सचिव लक्ष्मीनारायण कुमावत के खिलाफ और मेरे खिलाफ थाने में झूठी रिपोर्ट भी करा रखी है l भाई साहब आपसे हाथ जोड़कर पुनः निवेदन है उक्त अशोक वैष्णव (जो वैरागी साधु ) जाती का है इनका कार्य मांग खाना और स्थानों पर से भेंट राशि उठाना यही है यह लोग कभी गिरीराज जी की सेवा नहीं करते थे l लगातार निरंतर सेवा क्रम के कारण लोगों की आस्था बढ़ने से वंहा सेवा भेंट धन राशि भी आने लगी है उसी के स्वार्थ वश यह परिवार उक्त स्थान को अपना बताकर कब्ज़ा करना चाहता है l आपसे निवेदन है कृपा कर इस विषय पर ध्यान देवें और उक्त स्थान को मंदिर मण्डल के अधीन ले लेवें l साथ ही उक्त अशोक वैष्णव और उसके परिवार को श्री गिरीराजजी के स्थान पर से धन राशि नहीं लेने के लिए सख्त कार्यवाही कर पाबंद करावें l बड़ी कृपा होगी भाई साहब lआज भी थाने से राधे गुर्जर जो थाने में सेवा रत है उसका मेरे पर फोन आया की श्री गिरीराज मुख़ारबिंद से भेंट पात्र हटा लेवें ऐसा उपखण्ड अधिकारी जी ने कहा है l अशोक वैष्णव की पत्नी बारबार पुलिस थाने पहुंच जाती है SDM साहब के पास जाकर गोलख भेंट पात्र हटाने की शिकायत करती है l आप मुख्य्मंत्री और प्रधानमंत्री जी के दौरे के कारण व्यस्त थे इस कारण आज आपको उक्त विषय के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाई है l आप कृपा कर उचित कार्यवाही करें और श्री गिरीराज मुख़ारबिंद दान घाटी वाले स्थान को मंदिर मंडल के अधीन लेवें l

K.K. Gwal


Support us By Sharing

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *