सभापति का निलंबन – लोकतंत्र की हत्या
पूर्व विधायक मानसिंह गुर्जर ने राजस्थान सरकार द्वारा किए गए सभापति निलंबन को लोकतंत्र की खिलाफ मानहानि कार्रवाई बताते हुए कहा कि स्थानीय विधायक की दबाब में सरकार द्वारा जांच प्रभावित होने का हवाला देकर जिस प्रकार सभापति निलंबन किया है। वह हास्यस्पद व निन्दनीय है।
सभापति ने ऐसा कोई कार्य नहीं किया जिससे उनके रहते किसी प्रकार की जांच प्रभावित होती।
विधायक द्वारा की गई झूठी शिकायत पर पहले ही माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन दिया जा चुका है। चूंकि विधायक व सरकार को इस बात का पता चल गया कि इस मामले भी स्थगन होगा, ऐसे में आनन- फानन में उन्होंने निलंबन की कार्यवाही को अजांम दिया है वह इतिहास के काले पन्नों में लिखा जावेगा। क्याकि सत्य को दबाया जा सकता है पराजित नही किया जा सकता है।
चूंकि विधायक द्वारा अपने चहेतों के माध्यम से जमीन अलॉटमेंट एवं 90 A के अंदर भारी घपले किये गये हैं, उनको अजांम देने के लिए सभापति को बली का बकरा बनाया गया है। जो निम्नतम् राजनीति की पराकाष्ठा हैं। समय आने पर जनता जबाब देंगी।