त्याग व तपस्या की मूरत है माँ-प्रवीणा
भरतपुर-प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय विश्व शांति सेवा केंद्र की ओर से आयोजित मातृ दिवस कार्यक्रम की श्रृंखला में राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी कविता दीदी के निर्देशन में संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें सबसे बड़ा महत्व माँ के चरणों मे बताया गया ।
कार्यक्रम में श्रीमती मंजू सिंघल, श्रीमती किरण सैनी, श्रीमती वीना लोहिया, श्रीमती संजू, जागृति,नीरू, प्रेम बहिन अतिथि के रूप में मौजूद रहीं । अध्यक्षता राजयोगिनी प्रवीणा बहिन ने की l
कार्यक्रम की शुरुआत ईश्वरीय स्मृति के गीत ” ममता की मूरत माँ जग में तेरा साया ” से की गई । इस दौरान प्रवीणा बहिन ने माँ शब्द को रेखांकित करते हुए कहा माँ शीतल छाया है, माँ मन्नत है, माँ जन्नत है,त्याग और प्रेम की मूरत है माँ, जहाँ में सबसे खूबसूरत है माँ, माँ की महिमा का वर्णन तो स्वयं भगवान भी नही कर पाये ,ऐसी जीवन देने वाली है माँ, ज्ञान देने वाली, पालना देने वाली, शिक्षा देने वाली है माँ । मां का चित्रण शब्दों में करना कठिन है ।
श्रीमती मंजू सिंघल ने माँ की महिमा का वर्णन कविता के माध्यम से करते हुए कहा कि ” कहाँ से शुरू करू और कहाँ पर ख़तम करूँ, उस माँ का दया और प्रेम भला कैसे बयां करूँ, वह माँ ही है जिसके रहते जिंदगी में कोई गम नही होता, दुनिया साथ दे या ना दे पर माँ का प्यार कभी कम नही होता “सुनाकर दर्शकों को झकझोर दिया l
वरिष्ठ शिक्षिका श्रीमती शिल्पी ,
एवं रिटायर्ड शिक्षिका शशि मैडम ने भी गीतों के माध्यम से मां की अभिव्यक्ति प्रस्तुत की।
इस मौके पर विरमा, संतोष, ओमबत्ती, शीला, पुष्पा, वेदवती आदि उपस्थित रही ।
P. D. Sharma