राजस्थान – मिशन 2030 हेतु पॉवर इंजीनियर्स ने दिया अभ्यावेदन
राजस्थान सरकार की पहल पर कार्मिक विभाग द्वारा उदयपुर में आयोजित हितधारकों से गहन परामर्श कार्यक्रम में पॉवर इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान ने कनिष्ठ अभियंताओं से संबंधित समस्याओं पर अपने सुझाव रखे।
प्रदेश संयुक्त सचिव नितिन जोशी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने 5 वें वेतन आयोग के बाद से 6ठे वेतन आयोग लागू करते समय कनिष्ठ अभियंता संवर्ग में उत्पन्न हुई वेतन तथा एसीपी विसंगति दूर करने हेतु कई सुझाव रखे। 7वें वेतन आयोग में इसे सुधार करने की बात कही गई थी परंतु अभी तक कोई हल नहीं निकला है। उन्होंने बताया कि बिजली निगमों का कनिष्ठ अभियंता जोखिम भरी विषम परिस्थितियों में दिन रात काम करता है परंतु ना तो उसे किसी प्रकार का अतिरिक्त भत्ता मिलता है ना ही कोई सुविधा मिलती है। अत्यावश्यक सेवाओं के अन्य विभागों में कार्मिकों को दिए जाने वाले हार्ड ड्यूटी अलाउंस की ही तरह कनिष्ठ अभियंताओं को भी इस प्रकार का भत्ता देने की मांग की।
पॉवर इंजीनियर्स का कहना है कि मिशन 2030 राज्य सरकार की एक अभिनव पहल है। राज्य के आधारभूत ढांचे और सरंचना को बनाने में कनिष्ठ अभियंता का अहम योगदान है तथा बिजली मानव जीवन की प्राथमिक आवश्यकता है। इस तंत्र की मूल कड़ी की समस्याओं को दूर किए बिना मिशन 2030 के लक्ष्य को हासिल करना कठिन होगा। वेतन विसंगति दूर करने हेतु कनिष्ठ अभियंता को नियुक्ति पर ग्रेड पे 4800 अथवा शुरुआती 10 वेतन वृद्धि देने की मांग की गई है। इस दौरान बजट घोषणा क्रमांक 155 एसीपी पर पदोन्नति पद का वेतनमान सलेक्शन ग्रेड देने के क्रियान्वयन आदेश भी शीघ्र जारी करवाने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया गया है।
प्रतिनिधिमंडल में संगठन सचिव दीपक सुवालका, डिस्कॉम महासचिव हरिकेश मीना तथा संभाग अध्यक्ष इमरान अंसारी मौजूद रहे।