श्रीकृष्ण के संयमी सदाचारी नारी सम्मान रक्षक स्वरूप को समझा होता तो भारत में मातृशक्ति के साथ वीभत्स दृश्य नहीं दिखते
जयपुर, नारी सम्मान रक्षक संयमी सदाचारी सत्य धर्म न्याय दुनिया के महान यज्ञिक योगीराज श्री कृष्ण का जन्मोत्सव ओउमाश्रय सेवा धाम में ” नारी सम्मान रक्षक श्रीकृष्ण और आज आज का वातावरण” विषयक संगोष्ठी कर मनाया गया।
वैदिक चिंतक एवं ओउमाश्रय संचालक यशपाल यश ने कहा कि रुक्मिणी से विवाह के पश्चात वारह वर्ष तक वद़िका आश्रम में केवल वेर खाकर घोर तप साधना स्वाध्याय उपासना योग यज्ञ करने वाले “आप्त पुरुष” थे।यश ने कहा कि मजमेवाजों ने गोपियों से सहवास करने स्नान करती गोपियों के वस्त्र उठाने वाला आंखों को मटकाने चूड़ी बेचने वाला वनाकर वासनोत्तेजक चित्रण किया है जो धर्म प़धान भारत की गरिमा घटा रहा है।यश ने कहा इसीलिए आज भारत में मातृशक्ति के साथ वीभत्स दृश्य दिखाई दे रहे हैं। यश ने कहा कि नारी सम्मान हेतु महाभारत के सृजनकर्ता महान यज्ञिक थे जो यज्ञ को ही मुक्ति साधन तथा यज्ञ के अतिरिक्त कार्यो को वंधनकारी मानते थे ।
इस अवसर पर ओमाश्रय बानप़स्थ आश्रम की श्रीमति संतोष नारायण शर्मा ने यज्ञ कराया राजेश गोयल मुख्य यजमान रहे। प़भुजी दिलीप सक्सेना ने श्रीकृष्ण के आध्यात्मिक गीत गाए। मानसरोवर महिला आर्य समाज प़धान श्रीमति सरोज कालरा, श्रीमति रीना, श्रीमति निर्मल वार्ष्णेय सुनीत नेहरा डॉ रामावतार गुप्ता राकेश चोपड़ा आदि जन्माष्टमी मनाने आए।