आजादी के 7 दशक बाद भी बूंद बूंद पानी को तरस रहे लोग

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सरकार जी-20 और इक्कीसवीं सदी में डिजिटल इंडिया की बात कर रही लेकिन गांव के लोगों को एक-एक लोटा पानी नहीं मुवस्सर

कौशांबी। आजादी को 7 दशक से अधिक बीत गए है लेकिन गांव-गांव में पीने के पानी की व्यवस्था सरकार नहीं कर सकी है हर घर जल हर घर नल योजना के तहत सरकार करोड़ो अरबो रुपए का भारी भरकम बजट खर्च कर रही है लेकिन उसके बाद भी गांव क्षेत्र में पानी की व्यवस्था ठीक नहीं हो सकी है प्यास बुझाने के लिए छोटे-छोटे बच्चे डिब्बे में भरकर दूर-दराज के इलाके से पानी लाते हैं जिन्हें देखकर लोगों का कलेजा मुंह में आ जाता है लेकिन सरकारी नुमाइंदों को इन छोटे-छोटे बच्चों के पीड़ा पर तनिक दर्द होता नहीं दिखाई पड़ रहा है।नगर पंचायत चरवा में पीने के पानी की बदहाल व्यवस्था सरकारी व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रही है आजादी के 7 दशक बाद भी प्यास बुझाने को गांव क्षेत्र की जनता दंश झेल रही है जिन हाथों में स्कूल की किताब होनी चाहिए उन हाथों में प्यास बुझाने की जिम्मेदारी सौंप दी गई है नगर पंचायत चरवा के वार्ड नंबर 11 पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर पहलवान बाबा के पास झोपड़ पट्टी में रहने वाले नन्हे मुन्ने छोटे छोटे बच्ची के घरों में पानी पीने की कोई व्यवस्था नहीं है काफी दूर से छोटे-छोटे बच्चे अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी लेकर आते प्रतिदिन दिखाई पड़ते हैं योगी सरकार में बेहतर व्यवस्था की बात करने वाले माननीय का कलेजा भी छोटे-छोटे बच्चों के दुख दर्द पर नहीं पसीजा हैं आखिर जब प्यास बुझाने के लिए पानी की व्यवस्थाएं गांव गरीब के पास नहीं हो सकी है तो देश प्रदेश का विकास कहां हो रहा है सरकार जी-20 और इक्कीसवीं सदी में डिजिटल इंडिया की बात कर रही है लेकिन गांव के लोग अभी एक लोटे पानी के लिए तरस रहे हैं।


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