पर्युषण पर्व प्रतियोगिता में गांग प्रथम व डांगी द्वितीय रही
श्री वर्धमान भवन जैन स्थानक में पर्युषण पर्व के छठवे दिवस रविवार को धर्मसभा में स्वाध्यायी बहन सुशीला छाजेड ने अंतगढ़दशांग सूत्र का वाचन किया। गजसुकुमाल अंगार मुनि के सिर पर धधकते अंगारे शमशान भूमि से रखने के प्रसंग में कहा कि फिर भी समभाव में रहकर सहन किया ओर बिना किसी अध्ययन कुछ ही घंटो में केवल्य प्राप्त किया। स्थानीय संघ के उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह लोढ़ा ने बताया कि आज का आतिथ्य लाभ राजेंद्र सिंह सिंघवी ने लिया ओर प्रभावना शंभूसिंह चैधरी ओर दिलीप कुमार धूपिया की तरफ से वितरित की गई। प्रतियोगिता में कुसुम गांग प्रथम, विमला देवी डांगी द्वितीय रहे।
स्वाध्यायी बहन टीना बाफना ने कहा कि भावना मोक्ष मार्ग का साधन है। भावना का सम्बंध मन से है। अतः प्रत्येक व्यक्ति को अपने मन पर नियंत्रण रखना होगा। अशुभ विचार नही लाने चाहिए ओर कहा कि ध्यान ओर स्वाध्याय से ही मन को नियंत्रित किया जा सकता है। मनुष्य के मन में चैबीसों घण्टे विचार आते रहते है अगर अच्छे विचार आयेंगे तो कर्मो की निर्जरा होगी एव मोक्ष मार्ग की ओर बढ़कर अपनी आत्मा का कल्याण कर सकेंगे ।
स्वाध्यायि बहन हेमलता बाफना ने मां के बारे में विशेष विश्लेषण कर कई उदाहरण देकर मां की महत्ता बताई ओर कहा कि प्रत्येक मानव को अपने माता पिता की शुद्ध भावो से सेवा करनी चाहिए। रोजाना कम से कम 5-7 मिनिट उनके पास बैठकर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।