श्रीमद भागवत कथा में भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता का प्रसंग सुनाया
कुशलगढ | कस्बे के बिहारी मंदिर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन की कथा व्यास पंडित नरेन्द्र उपाध्याय ने विभिन्न प्रसंगों पर प्रवचन दिए। उन्होंने कहा कि पांचवे दिन कृष्ण के अलग-अलग लीलाओं का वर्णन किया गया। मां देवकी के कहने पर छह पुत्रों को वापस लाकर मा देवकी को वापस देना सुभद्रा हरण का आख्यान कहना एवं सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कथा वाचक पंडित नरेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि मित्रता कैसे निभाई जाए यह भगवान श्री कृष्ण सुदामा जी से समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र (सखा) से सुदामा मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे। उन्होंने कहा कि सुदामा द्वारिकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढ़ने लगे द्वार पर द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं। इस पर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है।अपना नाम सुदामा बता रहा है। जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना प्रभु सुदामा सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया और सुदामा को अपने महल में ले गए ओर उनका अभिनंदन किया। इस दृश्य को देखकर श्रोता भाव विभोर हो गए। उन्होंने सुदामा और कृष्ण की झांकी पर फूलों की वर्षा की इसके बाद बैरागी परिवार द्वारा प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर उनके साथ उनके परिवार के सदस्य दिनेश बैरागी, चेतन बैरागी, कृष्णकांत, ज्ञान प्रकाश बैरागी, परेश बैरागी, जितेन्द्र बैरागी,पत्रकार अरुण जोशी,ओम प्रकाश सोनी,एडवोकेट हरेंद्र पाठक,अंबिका पाठक,पूर्व नपा अध्यक्ष ललिता सोनी,दीपक कछावा, सहित सैकड़ों गणमान्य लोग मौजूद थे।