विद्यार्थियों को संस्कार बनने के लिए किया प्रेरित
सवाई माधोपुर 10 अक्टूबर। आर्यिका विकक्षाश्री माताजी ने अपनी संघस्थ आर्यिका ज्ञाताश्री, ज्ञायश्री व ज्ञाप्तज्ञश्री के साथ मंगलवार सुबह रणथंभोर रोड स्थित आदर्श विद्या मंदिर विवेकानंदपुरम पहुंच विद्यार्थियों को वात्सल्यमयी वाणी से संस्कारवान बनने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने नोनिहालो से कहा कि अपने लक्ष्य के प्रति दृढ रह कर सफलता प्राप्त कर सकते है। मेहनत इतनी खामोशी से करो कि सफलता शोर मचा दे। लक में दो अक्षर, भाग्य में ढाई, नसीब में तीन, किस्मत में साढे तीन और मेहनत के चार अक्षर। इन चार अक्षरों की मेहनत करने से सफलता में चार चांद लग जाएंगे। सुसंस्कार ही महावीर का समवशरण, बुद्ध का स्वर्णकमल, राम का रामेश्वरम एवं कृष्ण का वृंदावन धाम है।
वहीं स्वस्थ समाज व राष्ट्र उत्थान के लिए भारतीय सभ्यता व संस्कृति के अनुरूप जीवन शैली अपना कर जीवन को सुखपयोगी बनाने की कला सिखाते हुए खोटे सीरियल नहीं देखने, परिवार में बड़ो, माता-पिता व गुरुजनों की मर्यादा व सम्मान रखने आदि अनेक शिक्षाप्रद बातें बताई।
प्रवक्ता प्रवीण जैन ने बताया कि सकल दिगंबर जैन समाज के गणमान्य महिला पुरुषों के साथ आर्यिका संघ के विद्यालय पहुंचने पर वहां विद्यालय प्रबंधन की ओर से प्रधानाचार्य गिर्राज प्रसाद शर्मा, व्यवस्थापक राजेश कुमार गुप्ता, छात्रावास अधीक्षक मुरारी लाल भारद्वाज व अमर सिंह पूर्विया ने आर्यिका संघ की भव्य अगवानी की। विद्यार्थियों ने मंगलाचरण के रूप में गीत की मनमोहक प्रस्तुति देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर विद्यालय स्टाफ सहित समाज के प्रबुद्ध महिला पुरुष मौजूद थे।