मानसिक स्वास्थ्य का नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दिया संदेश

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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का हुआ आयोजन
मानसिक स्वास्थ्य का नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दिया संदेश

सवाई माधोपुर 10 अक्टूबर। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन रणथंभौर नर्सिंग कॉलेज में किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्वेता गुप्ता रहीं। जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ आर.पी. गुप्ता एवं यश फाउंडेशन की डायरेक्टर सीमा अरोड़ा उपस्थित रही। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ धर्मसिंह मीना, एएनएमटीसी प्रधानाचार्य बालिग अहमद मौजूद रहे। उन्होंने कार्यक्रम के अतिथियों का स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया।
अतिथियों द्वारा नुक्कड़ नाटक, पोस्टर प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत किया गया। अतिथियों द्वारा अमन, खुशी, हर्ष, विजेंद्र, दिव्यांशी, लक्ष्मी को पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम में सभी नुक्कड़ नाटक टीमों द्वारा नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन कर मानसिक स्वास्थ्य का संदेश देकर समा बांध दिया। राधा रमन वैष्णव द्वारा रोचक तरीके से जागरूकता गीत प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही यश फाउण्डेशन के बच्चों ने भी देशभक्ति गीत पर अपनी प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। साथ ही प्रतिभागियों द्वारा बनाये गए पोस्टरों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम जिला नोडल अधिकारी डॉ गौरव चंद्रवंशी ने सभी को जानकारी दी कि सप्ताह का आयोजन 4 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक किया जाता है।
भारत की कुल जनसख्या मे से 10 से 12 प्रतिशत लोग मानसिक बीमारियों से ग्रस्त हैं। हर साल विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के लिए एक थीम रखी जाती है। इस बार की थीम – मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक मानव अधिकार है रखी गई है। इसी थीम पर पूरे विश्व में कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। सप्ताह के अंतर्गत जिला मुख्यालय पर विभिन्न नुक्कड़ नाटक का आयोजन कर आमजन को जागरूक किया गया। नाटकों का मंचन राजकीय नर्सिंग कॉलेज व रणथम्भौर नर्सिंग कॉलेज के छात्रों द्वारा किया गया।
डॉ ने बताया की महामारी के वैश्विक स्वास्थ्य पर पड़े प्रभाव की वजह से अवसाद संबंधी मामलों में 28 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जबकि चिंता को लेकर होने वाली परेशानियों में 26 प्रतिशत इजाफा हुआ है। महामारी की वजह से भय, अलगाव और जीवन तथा आय की हानि होने के कारण मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होने के नए मामले देखे गए है। भागती दौड़ती जिंदगी में शरीर की थकान एक आम बात है। कभी-कभी थकान की वजह से हम किसी शारीरिक बीमारी का भी शिकार बन जाते हैं। शारीरिक बीमारी सभी को नजर आती है या कम से कम पीड़ित को इसके बारे में पता होता है कि वे बीमार है और उसे इलाज की जरुरत है लेकिन मानसिक बीमारी या मानसिक रूप से अस्वस्थ होने पर कभी-कभी उस व्यक्ति को भी पता नहीं चलता, जो खुद इस बीमारी से जूझ रहा होता है। ऐसे में मेंटल हेल्थ को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति अपने हर काम में 100 प्रतिशत देने में समर्थ होता है तो वही मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति अपने कामों को पूरा करने में असमर्थ व अक्षम रहता है। वह मानसिक तनाव से भरा होता है मानसिक बीमारी के चलते लोगों के हितों व परिवारों के बीच बड़ी समस्याएं उभरने लगती है। ना जाने कितने लोग इस समस्या के चलते आत्महत्या कर लेते हैं और दुर्घटना हो जाने के बाद हम जान पाते हैं उसके मौत की वजह।
यदि आपसे कोई अपनी समस्या साझा करता है तो आपको उसकी बातों को नजरंदाज ना करके गौर से समझना चाहिए हो सकता है ऐसा करके आप एक दुर्घटना को टाल सके।


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