प्रशासन व्यवस्था चुस्त दुरुस्त कई थानों की फोर्स रही मौजूद
प्रयागराज को तीर्थो का राजा कहा जाता है कई ऐसे स्थान है जहां पर लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए जाया करते हैं उसी में एक स्थान प्रयागराज के घूरपुर थाना अंतर्गत देवरिया भीटा सुजावन देव प्रयागराज है। जहां पर कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया और तृतीया को भगवान सुजावन देव महराज के दरबार में विशाल मेला देखने को मिल रहा है।भगवान सुजावन देव का मंदिर कालिंदी के बीचो-बीच स्थित है इस मंदिर का नजारा भक्तों के मन को ऐसे प्रभावित करता है कि वह अनायास खिचे चले आते हैं। बुधवार को देवरिया भीटा प्रयागराज में भक्तों का विशाल जमावड़ा देखने को मिला, लाखों की संख्या में भक्त कालिंदी मां के दरबार में आस्था की डुबकी लगाई और भगवान सुजावन देव महाराज के दर्शन किये। ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त यम द्वितीया के मेले में जाकर के आस्था की डुबकी लगाते हैं और सुजावन देव महाराज के दर्शन करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। पौराणिक कथा के अनुसार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की यम द्वितीया यानी भैया दूज के दिन यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने के लिए यमुना तट पर आए थे। काफी अरसे के बाद पहुंचे भाई यमराज की बहन यमुना ने जमकर आतिथ्य सत्कार किया। बहन के आतिथ्य सत्कार से खुश होकर यमराज ने बहन यमुना को वर मांगने के लिए कहा यमुना ने भाई यमराज से कहा कि भैया यदि आप हम पर खुश है तो वरदान दीजिए कि भाई दूज के दिन जो भक्त यमुना स्नान करके अपनी बहन के घर जाएगा वह आपके बंधनों से मुक्त होगा अर्थात वह मोक्ष को प्राप्त होगा। इस पर यमराज ने तथास्तु कहा और अंतर ध्यान हो गए। इस समय से लोग भैया दूज के दिन यमुना स्नान कर भाई अपनी बहन के यहां पहुंच बहनों के हाथों अपने माथे पर टीका लगवा कर बहन को सुरक्षा का वचन देते हैं बहन भी अपने भाई के दीर्घायु होने की कामना करती है। भोर से लेकर शाम तक आस्था की डुबकी लगाने का क्रम जारी रहा, स्नान के बाद सुजावन देव मंदिर में पूजा फिर मेला में लोगों द्वारा खेती-बाड़ी और गृहस्ती के सामानों की जमकर खरीदारी की गई।मेला में प्रशासन भी पूरी तरह से चुस्त दुरुस्त दिखी,कई थानों की फोर्स मेले में उपस्थिति रही, घूरपुर थाना प्रभारी व लालापुर थाना प्रभारी भी अपनी टीम के साथ उपस्थिति रहे साथ ही साथ अनेक थानों की फोर्स मौजूद रही। जिससे दर्शनार्थियों को किसी प्रकार से कोई समस्या ना हो सके उसी का परिणाम है कि मेले में आए हुए भक्तों ने शांति पूर्ण ढंग से यमुना नदी मेंआस्था की डुबकी लगा सुजावन देव मंदिर में भगवान महादेव का दर्शन कर मेले का लुत्फ उठाया।