गांव-गांव में चौपाल के नाम पर सिर्फ लगती है हाजिरी

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पूछती है गांव की जनता समस्याओं का कैसे होगा निदान

प्रयागराज।ब्यूरो राजदेव द्विवेदी। उत्तर प्रदेश में गांव के विकास को गति देने के लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रत्येक शुक्रवार को ग्राम चौपाल लगाकर ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान किया जाना है। अवकाश दिवस होने पर अगले दिन लोगों की समस्याओं का निस्तारण करने के लिए सुनवाई की जाती है। ग्रामीणों को परिवार रजिस्टर की नकल, वृद्धा पेंशन, दिव्यांग पेंशन इत्यादि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए इधर उधर भागदौड़ करना पड़ता था जो अब नहीं दौड़ना पड़ेगा इनकी जरूरी कागजात को गांव में ही उपलब्ध करा दिया जाएगा। ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम प्रधान के द्वारा ग्राम वासियों को सरकार द्वारा चलाई जाने वाली लाभकारी योजनाओं की भी जानकारी चौपाल में दिए जाने का प्रावधान है।क्रमशः गांवों में जन चौपाल लगाकर लोगों की समस्याएं सुनी जाती हैं। आवास को लेकर, इज्जत घर, वृद्धा पेंशन इत्यादि की समस्याएं चौपाल में आ रही है। इन सभी समस्याओं का निराकरण करने के लिए ब्लॉक के कर्मचारियों द्वारा तहसील समाधान दिवस और थाना दिवस की तरह अब आम जनों की समस्याओं का निस्तारण ग्राम चौपाल से होना है।आइजीआरएस पोर्टल से लेकर समाधान दिवस ,थाना दिवस में पंचायती राज से जुड़ी समस्याओं की भरमार होती है। समस्याओं का समय समय पर निस्तारण नहीं हो पाता जिसके लिए पंचायत स्तर पर ग्राम चौपाल के माध्यम से आमजन की समस्याओं का गांव में ही हल किया जाना है। ग्राम चौपाल में प्रधान के अलावा पंचायत सचिव, लेखपाल, एनम, शिक्षक, बीट का सिपाही, पंचायत सहायक और रोजगार सेवक आदि को मौजूद रह कर समस्याओं को सुनना है। यह लोगों की समस्याओं का निस्तारण करने के लिए सबसे निचले स्तर पर किए जाने वाला प्रयास होता है। माना जा रहा है कि इस चौपाल से ग्रामीणों को बड़ी राहत मिलेगी। स्थानीय स्तर पर समस्या का निस्तारण होने से इन्हें अधिकारियों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। मगर गांवों में नजरा इससे इतर है। क्षेत्र के ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि वातानुकूलित कमरों में बैठे अधिकारी गांधी जी के तीन बंदर के समान बने हुए हैं। गांव- गांव में चौपाल के नाम पर सिर्फ हाजिरी लगाई जाती है जहां गांव वालों को पता भी नहीं होता है कि उनके पंचायत में कोई सक्षम अधिकारी भी आ रहा है। ऐसे में ग्रामीणों कि समस्याओं का निस्तारण कैसे हो पाएगा यह अपने आप में एक अहम और बड़ा सवाल है।


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