भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा नगर पंचायत शंकरगढ़

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भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा नगर पंचायत शंकरगढ़, लगातार खबरें प्रकाशित होने के बावजूद भी नहीं टूटी कुंभकर्णी निद्रा

प्रयागराज। ब्यूरो राजदेव द्विवेदी। केंद्र व प्रदेश सरकार की मंशा है की शहर और नगर मंदिर के जीर्णोद्धार और उनके भव्य सौंदरीकरण के लिए बेहतर कार्य हो। शासन के पैसे से बेहतर सदुपयोग और निर्माण हो ,लेकिन नगर पंचायत शंकरगढ़ के ठेकेदार अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। 14 फुट ऊपर गेट निर्माण के नाम पर महेज 10 फुट में ही कार्य करवा के काम को इतिश्री किया जा रहा है ।सरकारी धन का कैसे बंदर बांट किया जाता है यह नगर पंचायत के ठेकेदारों से सीखा जा सकता है। बताते चलें कि नगर पंचायत शंकरगढ़ के वार्ड नंबर 12 में विंध्यवासिनी देवी मंदिर के लिए लगभग 10 लाख से ज्यादा रुपए स्वीकृत किए गए हैं। जिससे मंदिर का चौड़ीकरण भव्य निर्माण किया जा सके ।लेकिन यहां नगर पंचायत के अधिकारी कर्मचारी और ठेकेदारों का सांठ-गांठ भ्रष्टाचार को जन्म दे रहा है ।बिना टेंडर नोटिस (निविदा ,)छपे ही चहेते ठेकेदारों को कम दिया गया है ।जिसका बाकायदा लाभ उठाते हुए ठेकेदार मनमानी तरीके से काम करवा कर सरकारी धन का बंदर बांट करने में लगे हैं।स्थानीय लोगों ने जिला अधिकारी, एडीएम सिटी,मुख्य विकास अधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए जांच कर ठेकेदारों का लाइसेंस निरस्त करवाने की मांग की है।


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