स्वामी श्रद्धानंद ने गुरुकुल शिक्षा, दलितोद्धार तथा शुद्धि आन्दोलन द्वारा सनातन संस्कृति की रक्षा हेतु दिया वलिदान -” यश”
जातिवाद मिटाने दूसरी जाति भाषा वालों में रोटी -वेटी रिश्तों के पक्षधर थे चौधरी चरणसिंह -” डॉ प्रमोद पाल”
जयपुर, स्वामी श्रद्धानंद बलिदान दिवस एवं पूर्व प़धान मंत्री चौधरी चरणसिंह के जन्मदिन किसान दिवस पर मुहाना मंडी रामपुरा रोड स्थित सैनी नर्सिंग कालेज के संस्कार भवन में नाटक मंचन सांस्कृतिक कार्यक्रम का भव्य आयोजन हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वैदिक चिंतक युवा लोकदल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रहे ओउमाश्रय सेवा धाम संचालक यशपाल यश तथा विशिष्ट अतिथि अनेक सामाजिक संस्थाओं से जुड़े डॉ प्रमोद पाल रहे।
कालेज प़िंसीपल हितेश गौतम ने बताया कि इस अवसर पर छात्र छात्राओं ने आजादी के आन्दोलन में स्वामी श्रद्धानंद द्वारा किए कार्यों तथा विपरीत मौसम में किसानों के हालात तथा प़शासनिक चीटिंग का चित्रण भाषण गीत कविता और नाटकों द्वारा किया।
इस अवसर पर यशपाल यश ने मुख्य अतिथि के रुप में अपने उद्बोधन में कहा कि अमर हुतात्मा स्वामी श्रद्धानंद ने समतामूलक गुरुकुलीय शिक्षा शुभारंभ दलितोद्धार सभा की स्थापना जलियांवाला बाग कांड के बाद अमृतसर में कांग्रेस अधिवेशन जामा मस्जिद में वैदिक संदेश तथा विछुडों को घर वापसी हेतु शुद्धि आन्दोलन चलाकर सनातन संस्कृति की रक्षा हेतु बलिदान दिया । यश ने राजनीति में शुचिता कृषि एवं कृषि आधारित उद्योगों द्वारा रोजगारोन्मुखी अर्थ व्यवस्था के लिए किसानों के मसीहा चौधरी चरणसिंह को याद किया।
डॉ प्रमोद पाल ने कहा कि चरण सिंह भारत की एकता और अखंडता के लिए जातिवाद को खतरा मानने हुए राज्य लोक सेवा तथा संघ लोक सेवा की नौकरी हेतु अन्तरजातीय तथा अन्तरभाषाई विवाह को आवश्यक मानते थे।
मंच का संचालन करते हुए मनमीत सिंह बैंस ने किया। कार्यक्रम में कृष्ण कांत सोनी राजीव चतुर्वेदी पवन कुमार धीरज शर्मा प्रशांत कुमार ,गुलशन अंसारी, योगेश अजमेरा और नेहा पाटीदार विशेष रूप से उपस्थित थे।
नाटक में सुखदेव बेनीवाल, सौरभ सिंह, तनीषा, प्रियंका,लोकेश,अनुज,रोहित, मनीष,कुलदीप तथा भाषण कविता प़स्तुत करने अंकित प़शांत ज्योति आदि ने भाग लिया।
Gangapur City, Rajasthan