ठीकरिया में भागवत कथा का चतुर्थ दिवस

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भगवान विष्णु के विविध अवतारों के प्राकट्य प्रसंगों पर लगे जयकारें

नरसिंह, वामन, राम अवतारों की झांकियों ने मन मोहा

भगवान अपने भक्त के ही वश में होते है – उमा दीदी

बांसवाड़ा। अरूण जोशी ब्यूरो चीफ। सब लोग अपने अपने ढंग से व्याख्या करते है कि भगवान किस के वश में है लेकिन श्रीमद भागवत कहते हैं कि भगवान तो केवल और केवल अपने भक्त के ही वश में होते है। निर्मल भक्त की करूण पुकार पर भगवान दौड़े चले आते है। इसलिए भगवान को पाना चाहते हो तो भक्त बन जाओ, भगवान स्वतः आपके वश में हो जाएंगे। इस प्रकार के मानव उपयोगी सूक्ष्म और गूढ़ रहस्य की बातों का रसास्वादन करवाया प्रसिद्ध भागवत कथा मर्मज्ञ उमाश्री मिश्रा ने ठीकरिया की त्रिपुरा कॉलोनी में केड़िया परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा सप्ताह के चौथे दिन बुधवार को कही। उन्होंने बताया कि प्रहलाद हो या ध्रूव, मीरा, नरसिंह हो या धन्ना जाट भगवान ने भक्त की सदैव रक्षा की है। उन्होंने श्रीमद भागतव कथा में जगत कल्याण की जो बातें बताई गई है वे कही तो श्रद्धालुओं भागवत भगवान के जयकारें लगाए।

दान बड़ा या दानी

भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों के प्रसंगों के दौरान जब वामन अवतार की कथा कही गई तब उमा दीदी ने दान की महिमा का बताते हुए कहा कि यदि मन में प्रश्न हो की दान बड़ा या दानी तो इस प्रसंग से उसका उत्तर मिलता है जब वामन अवतार भगवान विष्णु अपने दो पग से समूची धरती और ब्रह्माण्ड माप लेते है तो तीसरे पग के लिए दानी के उद्धार के लिए उससे ही तीसरा पग रखने की जगह पूछते तो राजा बलि स्वयं को भगवान के चरणें में समर्पित कर देता है। इसलिए भगवान की दृष्टि में दान से ज्यादा श्रेष्ठ दान करने वाला दानी है।बुधवार को भगवान विष्णु के अवतारों के प्राकट्य की कथाओं से समूचा पाण्डाल श्रद्धा के सागर में हिलौरे लेता रहा, इस दौरान श्रद्धालुगण भाव-विभोर हो गए और नयनों से अनायास ही अश्रुधार बहने लगी। कथा विश्राम अवसर पर केड़िया परिवार की ओर से अभिजीत केड़िया, नीकुल केड़िया, भव्या, सुरेका, पार्थ केड़िया, ईशान केड़िया, अपर्णा केड़िया, सौम्या केड़िया, जयवर्धन केड़िया, अनुजा केड़िया, इशिता केड़िया ने आरती उतारी।

भजन के मधुर स्वर बहे पाण्डाल में

बुधवार को विभिन्न भजनों के माध्यम से भगवान को रिझाया गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने खूब जमकर नृत्य किया। श्रीमन नारायण नारायण हरि हरि तेरी महिमा सबसे न्यारी न्यारी… सीताराम सीताराम सीताराम कहिए जाही विधि राखे राम ताही विधि रहिए, तेरे द्वार खड़ा भगवान भगत भर दे रे झोली… भये प्रकट कृपाला दीनदयाला कौशल्या हितकारी… भजनों पर श्रोताओं ने मीठी-मीठी तालियों के साथ संगत की। भागवत कथावाचिका उमाश्री मिश्रा के साथ आए भजन गायक और ऑर्गन वादक राजेश डग्गा, ढोलक वादक भागीरथ पंवार, ओक्टोपेड वादक संजय द्वारका और तबला वादक भागीरथ राठौड़ ने एक से बढ़कर एक भजनों की सुमधुर स्वर लहरियों से भक्तों को आनन्दित किया।
कथा के विश्राम पर केड़िया परिवार द्वारा व्यासपीठ और भागवत की आरती गई। इसके उपरान्त उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया। भागवत कथा सप्ताह 30 दिसम्बर तक आयोजित होगा। इसके पश्चात 31 दिसम्बर को भजन संध्या का आयोजन रखा गया है।

त्रिपुरा फाउण्डेशन का हुआ बहुमान

त्रिपुरा फाउण्डेशन संस्थान के विनोद अग्रवाल, जगदीश प्रसाद अग्रवाल, विशम्बर अग्रवाल, संदीप सुरेका, ऊषा अग्रवाल, रेखा अग्रवाल, वन्दना सुरेका, बालुभाई त्रिवेदी, आशा अग्रवाल आदि ने व्यासपीठ का अभिनन्दन किया। इसके उपरान्त उमा दीदी ने त्रिपुरा फाउण्डेशन के सदस्यों का बहुमान किया और संस्था के मानव सेवा कार्यों की प्रशंसा की। बांसवाड़ा के मानस मण्डल से महेश पंचाल, अंबालाल पंचाल, नरहरिकान्त भट्ट द्वारा व्यासपीठ, भागवत भगवान और केड़िया परिवार का अभिनन्दन किया।

 गणमान्यजनों की रही मौजूदगी

कथा में ठीकरिया गांव, त्रिपुरा कॉलोनी, बांसवाड़ा शहर के साथ ही जिले के विभिन्न गांवों के श्रद्धालुओं ने कथा में भाग लिया। पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता संदीप चेलावत और सतीश गुप्ता, बांसला के नटवर भाई पाठक, ठीकरिया के श्रीलक्ष्मीनारायण मन्दिर के महिला मण्डल, और पुजारी सेवक परिवार के नीरज सेवक व सुनिता सेवक, बिट्स एण्ड बाइट्स कम्प्यूटर केन्द्र की निदेशक प्रतिभा जैन, गांधी दर्शन समिति के उपाध्यक्ष विकेश मेहता, सुरवानिया के कन्हैयालाल गर्ग, जयप्रकाश गर्ग आदि ने भाग लिया।


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