आंगनबाड़ी केंद्रों पर सभी आवश्यक सुविधाएं बच्चों के मानक के अनुरूप हों-मंडलाधिकारी

Support us By Sharing

आंगनबाड़ी केंद्रों पर सभी आवश्यक सुविधाएं बच्चों के मानक के अनुरूप हों-मंडलाधिकारी

प्रयागराज। आंगनबाड़ी केन्द्रों में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के संबंध में कन्वर्जेन्स विभागों के साथ मण्डलायुक्त विजय विश्वास पंत की अध्यक्षता में एक दिवसीय मण्डलीय गोष्ठी का आयोजन शुक्रवार को संगम सभागार में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मण्डलायुक्त के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर गोष्ठी में उपस्थित लोगो को सम्बोधित करते हुए मण्डलायुक्त ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र, प्राथमिक विद्यालय एवं स्वास्थ्य उपकेन्द्र (ए0एन0एम0) की व्यवस्था मजबूत करने से समाज का संपूर्ण विकास हो सकता है तथा इससे राष्ट्र सुदृढ़ एवं विकास की ओर अग्रसर हो जायेगा। आंगनबाड़ी केन्द्रों के कायाकल्प किये जाने में सभी कन्वर्जेन्स विभागों की महती भूमिका है विशेषकर पंचायती राज, बेसिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग। अतः पंचायती राज के वित्त का उपयोग कर बेहतर ढांचा विकसित किया जा सकता है। इसी प्रकार विद्युत, पेयजल का भी इन्फ्रास्ट्रक्चर ठीक किये जाने की आवश्यकता है, जिसके लिए बाल विकास विभाग के अधिकारीगण का रोल महत्वपूर्ण है तथा सम्पूर्ण कायाकल्प के लिए जिले के मुख्य विकास अधिकारी को इसकी सत्त समीक्षा एवं विकास कराने के लिए आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका आंगनबाड़ी बच्चों के लिए मां एवं शिक्षक दोनों की भूमिका का निर्वहन करती है, इसलिए आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका अच्छे ढंग से प्रशिक्षित होनी चाहिए, जिससे वे वहां पर पढ़ने वाले बच्चों को अच्छी शिक्षा व संस्कार प्रदान कर सकेगी। गोष्ठी में 3 गर्भवती महिलाओं की गोदभराई एवं 2 बच्चों का अन्नप्राशन मण्डलायुक्त द्वारा किया गया।कार्यक्रम की रूपरेखा, आवश्यकता एवं चुनौतियों पर विस्तार से शासन द्वारा नामित उपनिदेशक जफर खान द्वारा प्रकाश डाला गया। कायाकल्प के लिए निर्गत शासनादेशों एवं विद्युत संयोजन व पेयजल के मद में बजटीय प्रावधानों का निर्धारित अंश का उल्लेख करते हुए इनके उपयोग करने हेतु पंचायती राज एवं बाल विकास विभाग के बीच बेहतर तालमेल पर जोर दिया गया। गोष्ठी में यूनीसेफ के स्टेट कन्सलटेंट श्री शशि मोहन उप्रेती द्वारा कायाकल्प, लर्निंग लैब आदि पर विस्तार से चर्चा की गई। आंगनबाड़ी केन्द्रों में बाल मैत्रिक शौचालय, कक्ष की लम्बाई-चैड़ाई ,रसोई घर, शौचालय शीट की ऊंचाई एवं आकार, किचेन, सिंक, पेयजल हेतु उपलब्ध टैप (नल) की ऊंचाई आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों की ऊंचाई के सापेक्ष उसके निर्माण पर जोर दिया गया एवं इसके महत्व पर प्रकाश डाला गया तथा कतिपय बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं मुख्य सेविकाओं ने क्रास प्रश्न पूछकर गोष्ठी को बहुआयामी बना दिया गया। गोष्ठी कार्यक्रम का ’एक परिचय एवं औचित्य’ जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रयागराज द्वारा प्रकाश डाला गया एवं मंच का संचालन किया गया। इस अवसर मंडल के समस्त अधिकारीगण मौजूद रहे।


Support us By Sharing