बहू सास- ससुर को माता-पिता मानें तो संसार मैं वृद्धाश्रम नहीं होगा – मुनि ‘मेधांश’

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बहू सास- ससुर को माता-पिता मानें तो संसार मैं वृद्धाश्रम नहीं होगा – मुनि ‘मेधांश’

मूलचन्द पेसवानी। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशन में तेरापंथ महिला मंडल उदयपुर के तत्वावधान में शासन श्री मुनि सुरेश कुमार के सान्निध्य में श्रीमती रेखा जैन के प्रायोजकत्व में रिलेशनशीप स्कील्स सास-बहु कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए
• मुनि सम्बोध कुमार ‘मेघांश’ ने कहा- अपनी बेटी की तारीफ तो हर सास करती है, जो सास अपनी बहू की तारीफ करे उसके घर पर स्वर्ग को उतरने से कोई नही रोक सकता । समस्या वहा पैदा होती है जहा बेटी बीमार हो तो दुख होता है और बहु बीमार हो तो ड्रामा लगता है। सास की डिमांड होती है- लड़की सुंदर, सुशील, पढ़ी लिखी, धार्मिक हो और बहु की डिमांड सास ही ना हो। घर को आबाद या बरबाद करने के लिए एक ही इंसान काफी होता है। किसी की बेटी हमारी बहु हमारी बेटी किसी की बहु हमारी बेटी के पास वही लौटकर जाना है जो व्यवहार हम अपनी बहु के साथ करते है। विवाह के बाद बेटी जो माँ पिता को अपने साथ रख सकती है यदि वह अपने सास-ससुर को माता-पिता की तरह रखे तो मेरा दावा है कि संसार में कोई वृद्धाश्रम नहीं होगा।

वे महाप्रज्ञ विहार के महाश्रमण सभागार में बोल रहे थे

बतौर मुख्य अतिथी राज्य महिला आयोग सदस्या व जिला परिवार परामर्शक श्रीमती सुषमा कुमावत ने कहा- सास-बहु का रिश्ता खट्टे-मीठे अंगुर जैसा होता है। स्त्री सृष्टि की सृष्टा है। ससुराल की बात पीहर जाती है तो रिश्तों में दरारे आ जाती है। कभी उदयपुर में एक परिवार न्यायालय था आज तीन न्यायालय है। बस सहन करना शुरु करे तो एक दिन सारे न्यायालय बंद हो जायेंगे।

विशिष्ट अतिथी – श्रीमती सम्प्रति दुग्गड़ ने कहा – सास जब तक अंफेक्शन और अटेंशन देती है तब तक वह माँ है, मगर विचारों में जरा सा परिवर्तन आया तो माँ सास बन जाती है। यही बात बहु के साथ होता है। इस रिश्ते को उसका रान्मान दे। रिश्ते संभाल लिए तो मदर इन लॉ मदर इन लव और डॉटर इन लॉ डाटर इन लव हो जाएंगे।

सीमा कच्छारा, सरिता बंब के प्रेरणा गीत से शुरु हुए कार्यक्रम में स्वागत मंडल अध्यक्षा श्रीमती सीमा बाबेल, आभार मंत्री श्रीमती ज्योति कच्छारा, मंच संचालन कार्यक्रम संयोजिका उपाध्यक्ष दीपिका मारू, कुसुम पोरवल ने किया।

श्रीमती तारा – महक कोठारी बेस्ट सास-बहू जोड़ी

कार्यशाला के अंत में निर्णायक सम्प्रति दुग्गड़ ने बेस्ट ड्रेस परफार्मेंस के लिए श्रीमती तारा – महक कोठारी को बेस्ट ड्रेसअप सास-बहू जोड़ी से सम्मान्नित किया गया वही बसंत – खुख कंठालिया, कला – रंजना बोहरा द्वितीय, विमला – सीमा सोनी तृतीय स्थान पर विजयी रहे। वही इंदुबाला – रेखा पोरवाल, भाग्यवती – स्वीटी, विमला – सीमा सोनी प्रोत्साहन पुरुष्कार से नवाजा गया।
लकी ड्रा में तीन चयनित।
अंत में समय की पाबंदी के साथ कार्यशाला में सहभागी बनने वाली के लिए आयोज्य लकी ड्रा में कमला जी सुराणा ,सुंदर देवी इंटोदिया,शकुंतला पोरवाल का चयन किया गया।


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