आईआईएम के जाने-माने निदेशकों ने बताए प्रबंधकीय कौशल और सहयोग को बढ़ावा देने के रास्ते

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आईआईएम के जाने-माने निदेशकों ने बताए प्रबंधकीय कौशल और सहयोग को बढ़ावा देने के रास्ते

30 जनवरी, 2024; संबलपुर: आईआईएम संबलपुर मेंआईआईएम निदेशकों के पैनल, एक्रीडिएशन पैनल, सीएचआरओ पैनल सहित कई विचारोत्तेजक पैनल चर्चाओं के साथ संपन्न हुई 9वीं पैन-आईआईएम वर्ल्डमैनेजमेंट कॉन्फ्रेंस (डब्ल्यूएमसी)।समापन सत्र केदौरान जहां एआईसीटीई के चेयरमैन डॉ. टीजी सीताराम नेलीडरशिप को आकार देने और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने कीपहल पर प्रकाश डाला, वहीं निदेशकों का पैनल उद्योग और समाज के बीच सहयोग बढ़ाने के लिएप्रबंधकीय क्षमताओं के निर्माण पर केंद्रित था। डायरेक्टर्स पैनल चर्चा के दौरानप्रोफेसर महादेव जायसवाल, डायरेक्टर, आईआईएम संबलपुर; प्रोफेसर कुलभूषण बलूनी, डायरेक्टर, आईआईएम काशीपुर; प्रो.ऋषिकेश टी कृष्णन, डायरेक्टर, आईआईएम बेंगलूरु; प्रोफेसर भीमाराय मेत्री, डायरेक्टर, आईआईएम नागपुर; प्रोफेसर बीएस सहाय, डायरेक्टर, आईआईएम जम्मू और प्रोफेसर उमाकांत दास, डायरेक्टर, आईआरएमए ने ‘समाज और उद्योग केबीच सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ प्रभावी मैनेजमेंट के तरीकों’ पर अमूल्य सुझाव दिए।

आईआईएम संबलपुर केडायरेक्टर प्रोफेसर महादेव जायसवाल ने कहा,  ‘आईआईएम संबलपुर का इकोसिस्टम नवाचार, समावेशिता औरअखंडता के सिद्धांतों पर केंद्रित है, जिसने हमारी विशिष्टता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। समावेशन के प्रतिहमारी प्रतिबद्धता ने हमारी प्रवेश नीति में बेहतर लैंगिक संतुलन के लिए प्रयासकरने के रूप में एक उल्लेखनीय बदलाव को प्रेरित किया है। इसके अलावा, उन्होंने पारंपरिकबुनकरों को सशक्त बनाने वाली एक परियोजना का हवाला दिया, जिससे बिक्रीकारोबार में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई और कहा,bunkarValleys.com के हमारे मास्टर वीवर्स प्रोजेक्ट का उद्देश्य डिजिटलीकरण के साथ-साथ उत्पादों औरव्यवसायों को जोड़ना है। मास्टर बुनकरों को फ्लिपकार्ट और ओएनडीसी जैसे डिजिटलमार्केटिंग प्लेटफॉर्म तक पहुंचाया गया। इस तरह की पहल से पता चलता है कि हम एकबड़े समुदाय के लिए काम कर रहे हैं, न कि केवल बड़े उद्योगों के लिए।’दूसरे दिन, ‘डिजिटल गवर्नेंस औरसार्वजनिक नीति’ पर मुख्य संबोधन डॉ. सुधांशु सारंगी, आईपीएस, महानिदेशक, अग्निशमन और आपातकालीन सेवा, कमांडेंट जनरल, होम गार्ड और निदेशक, नागरिक सुरक्षा, ओडिशा द्वारा दिया गया। ‘ईएसजी पहल को लागू करने की चुनौतियों का समाधान करने के लिए रणनीतियांविकसित करना’ विषय पर सीईओ पैनल चर्चा के दौरान श्री सचिन त्रिवेदी, डायरेक्टर, डेलॉइट कंसल्टिंग; श्री रत्नेश झा, एक्जीक्यूटिवडायरेक्टर, यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट; श्रद्धा दानानी, टेक-उद्यमी और श्री केशव राव, डायरेक्टर (कार्मिक), एमसीएल ऑडिटोरियम ने अपने संगठनों द्वारा अपनाई गई टिकाऊ प्रथाओं को साझाकिया। स्टार्ट-अप राउंड टेबल चर्चा के दौरान, श्री मनिंदर सिंह बावा, श्री गौरव केडिया, श्री दीपक शर्मा, सृष्टि अरोड़ा और श्री प्रदीप आर सुब्रमण्यम ने अपनी उद्यमशीलता यात्रा, चुनौतियों औरअवसरों को साझा किया।तीसरे दिन कीशुरुआत सुश्री एमी मेनन, रीजनल हेड, दक्षिण एशिया, एएसीएसबी और प्रो. ऋषिकेश टी कृष्णन, डायरेक्टर, आईआईएम बेंगलूरु के मुख्य भाषण के साथ हुई। इसी प्रकार, एक्रीडेशन पैनलचर्चा के दौरान डॉ. रवि कुमार जैन, डायरेक्टर, स्पर्श ग्लोबल बिजनेस स्कूल, नोएडा; श्री निशित जैन, ईएफएमडी; प्रो. संजय पडोडे, चेयरमैन, सेंटर फॉर डवलपमेंट एजुकेशन, जेएजीएसओएम; प्रो. डीके महालिक, संबलपुर यूनिवर्सिटी; प्रोफेसर आतिश चट्टोपाध्याय, डायरेक्टर, जेएजीएसओएम, बेंगलूरु और प्रोफेसर बिधु भूषण मिश्रा, वीसी, संबलपुरयूनिवर्सिटी ने स्टैंडर्ड को बनाए रखने और बी-स्कूल एजुकेशनस्टैंडर्ड की गुणवत्ता को बनाए रखने के तरीकों के बारे में बात की।

‘उद्योग 4.0 दुनिया के लिएसंगठनात्मक कौशल का निर्माण’ पर सीएचआरओ पैनल चर्चा में श्री देवी प्रसाद दास, सीएचआरओ, अपोलो हेल्थ एंडलाइफस्टाइल लिमिटेड; सुश्री जया सूरी, सीएचआरओ, किम्बल टेक्नोलॉजीज; सुश्री जयंती जगन्नाथ, सीएचआरओ, के एंड एस पार्टनर्स; श्री कृष्ण पाधी, हेड एचआर, हिंडाल्को लिमिटेड और श्री सुब्रह्मण्य शास्त्री, पार्टनर, पीडब्ल्यूसी जैसेप्रतिष्ठित वक्ता शामिल हुए। वक्ताओं ने मानव संसाधन विकास के लिए रणनीतियों कीखोज करते हुए उद्योग 4.0 द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की।टॉप टियर रिसर्चजर्नल्स के संपादकों के साथ बातचीत के दौरान प्रोफेसर वर्षा जैन, एजीके चेयरप्रोफेसर ऑफ मार्केटिंग, एमआईसीए, अहमदाबाद; प्रो. के. मथियाझागन, चेयरपर्सन, रिसर्च सेंटर, त्यागराजार स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, मदुरै ; प्रो. डोंगमेई काओ, नॉटिंघम बिजनेस स्कूल, नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी, यूनाइटेड किंगडम और प्रोफेसर सुरजीत बैग, प्रोग्रामडायरेक्टर, एमएससी सप्लाई चेन रिसर्च सेंटर, लियोनार्ड डी विंची पोल यूनिवर्सिटी, फ्रांस ने शोध पत्रप्रस्तुत करने को लेकर अपने बहुमूल्य विचार साझा किए। इस आयोजन मेंविभिन्न श्रेणियों में लगभग 712 प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जिसमें डॉक्टोरलकंसोर्टियम के लिए 18 प्रतिभागी, शिक्षण नोट्स के साथ केस स्टडीज प्रस्तुत करने वाले 29 योगदानकर्ता औरअनुसंधान के लिए विस्तारित सार, कंसेप्ट पेपर, फुल पेपर के रूप में 665 प्रस्तुतियां शामिल थीं।समापन कार्यक्रम:समापन भाषण केदौरान, मुख्य अतिथि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), भारत सरकार केचेयरमैन प्रोफेसर (डॉ.) टीजी सीताराम ने 21वीं सदी में भारत द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देतेहुए कहा, ‘हम एक ऐसे युग में प्रवेश कर रहे हैं जहां भारत एक वैश्विक नेता होगा।गुणवत्ता, कौशल और नेतृत्व हमारे प्रमुख हथियार हैं और इस कॉन्फ्रेंस ने उज्ज्वलभविष्य के निर्माण के लिए हमारे भीतर जोश भर दिया है।’ अनुसंधान, नवाचार और उद्यमितामें भारत की बड़ी प्रगति का हवाला देते हुए डॉ. सीतारम ने बताया, ‘आज, भारत विश्व स्तर परशोध पत्रों और पेटेंट का पांचवां सबसे बड़ा प्रकाशक है। हम 2027 तक तीसरी सबसे बड़ीअर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हैं, यह हमारे युवाओं की शक्ति और बुनियादी ढांचे के विकास का सबूत है। एआईसीटीईअगली पीढ़ी के नेताओं और नवप्रवर्तकों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।’ इस अवसर पर, प्रोफेसर महादेवजायसवाल, डायरेक्टर, आईआईएम संबलपुर और प्रोफेसर पद्मावती ढिल्लन, कॉन्फ्रेंस को-चेयर ने आईआईएमसंबलपुर में पैन आईआईएम डब्ल्यूएमसी के आयोजन पर अपना दृष्टिकोण और अनुभव साझाकिया।केस राइटिंग औरशिक्षण पर कार्यशाला प्रोफेसर (डॉ.) गीता बजाज द्वारा आयोजित की गई। सम्मेलन में प्रसिद्ध प्रेरक वक्ता श्रीशिव खेड़ा का प्रेरणादायक सत्र भी शामिल था। गौरतलब है कि 4-दिवसीय 9वीं पैन आईआईएमवर्ल्ड मैनेजमेंट कॉन्फ्रेंस (डब्ल्यूएमसी) रविवार, 21 जनवरी, 2024 से बुधवार, 24 जनवरी, 2024 तक आईआईएम संबलपुर में आयोजित की गई थी, जिसका विषय  समावेशी और सतत विकास के लिए उद्यमी नवाचार औरडिजिटल प्रशासन था।


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