आसान नहीं है बारा के नए एसडीम की राह सामने होंगी ये मुख्य चुनौतियां
प्रयागराज।ब्यूरो राजदेव द्विवेदी। जनपद के यमुनानगर तहसील बारा में बुधवार को उप जिलाधिकारी दिग्विजय सिंह ने कार्यभार संभाल लिया। कार्यभार ग्रहण करते ही कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान करना प्राथमिकता में है इसके लिए पहल भी शुरू कर दिया है। बता दें कि एसडीएम बारा सूदन अब्दुल्लाह के हस्तांतरण के बाद से स्थान रिक्त था बुधवार को जिलाधिकारी प्रयागराज द्वारा एसडीएम बारा की नियुक्ति कर दी गई है।नवागत एसडीएम के सामने कई चुनौतियां हैं।तमाम भूमि पर अवैध कब्जा, यमुना घाटों पर अवैध बालू का भंडारण कानून व्यवस्था, भू माफियाओं द्वारा नदी, नालों,तालाबों, बंजर जमीनों आदि परअवैध प्लाटिंग जैसी तमाम समस्याएं परेशानी का कारण बन रही है। उप जिलाधिकारी को जनता को इंसाफ दिलाने के लिए माफियाओं पर शिकंजा कसना होगा। लंबित शिकायतों पर निष्पक्ष कार्यवाही करना भी चुनौती भरा होगा। नगर पंचायत व ग्रामीण इलाकों में स्थित सरकारी व भूमिधरी पर अवैध तरीके से भू माफिया काबिज हैं। राजस्व संबंधी कई अनसुलझे मामलों पर से अभी भी पर्दा उठना बाकी है। क्षेत्र में समस्याओं से निजात दिलाने से लेकर आम जनता को न्याय दिलाने के लिए चलाई गई एसडीएम सूदन अब्दुल्लाह की मुहिम को सुचारू रखना भी नए एसडीएम के लिए कांटो भरा सफर होगा।समय लगभग बालू खनन का हो चुका है,खनन माफिया रास्ते बनाने में जुट गए हैं लेकिन नवागन्तुक उपजिलाधिकारी बारा के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। बारा सर्किल में लगभग बड़े पैमाने पर अवैध खनन होता है।रात में ओवरलोड बालू परिवहन कतारें बनाकर चलती हैं,ऐसा नही है यह कारनामा किसी के संज्ञान में नही है। जिम्मेदारों के सामने से ट्रक निकलती रहती हैऔर जिम्मेदार दर्शक बनकर देखते रहते हैं।अवैध खनन भी बेखौफ चलता रहता है,गली-गली ट्रैक्टर 150 से 200 फिट बालू लादकर निकलते रहते हैं,चाहे , इलाकाई पुलिस थाना, पुलिस चौकी रास्ते मे पड़ती हो लेकिन कोई मतलब नही सब आंखों में पट्टी बांधे बैठे रहते है।आखिर क्या कारण है कि खनन माफियाओं के आगे जिम्मेदार घुटने टेकते नजर आते है।खैर कुछ भी हो लेकिन देखते है कि नए उपजिलाधिकारी इस चुनौती को स्वीकार करते है या फिर सब कुछ ऐसे ही चलता रहेगा और जिम्मेदार अपनी अपनी आंखों पर काठ का चश्मा चढ़ाए कानों में स्वार्थ की रूई ठेंसे रहेंगे।