मुफ्ती सलमान की गिरफ्तारी पर मुस्लिमों का जहाजपुर व बदनोर मे प्रोटेस्ट, राष्ट्रपति के नाम दिया ज्ञापन
शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी। गुजरात पुलिस द्वारा मुफ्ती सलमान अजहरी की गिरफ्तारी के विरोध में मुस्लिम समाज द्वारा शाहपुरा जिले के जहाजपुर व भीलवाड़ा जिले के बदनोर में मौन जुलूस निकालकर जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम दिया गया। अंजुमन मुस्लिम नौजवान कमेटी के आह्वान पर जामा मस्जिद से जुलूस निकाल कर उपखंड कार्यालय पर पहुंचे जहां पर जामा मस्जिद इमाम अब्दुर्रहमान ने संबोधित करते हुए कहा कि मुफ्ती सलमान अजहरी द्वारा पढ़ी गई।
इस शायरी कुछ देर की खामोशी है फिर शोर आएगा आज कुत्तों का वक्त है कल हमारा दौर आएगा पर भाजपा इसे हेट स्पीच बताया ओर गुजरात के दो थानों में मुकदमा दर्ज कराया। जिस पर पुलिस ने मुफ्ती को मुंबई से गिरफ्तार किया है जबकि मुफ्ती के इस बयान मे कहीं हिन्दू शब्द नहीं है ओर ना ही किसी समुदाय को निशाना बनाया गया है। फिर भी हिन्दू मुसलमान करने वाली भाजपा ने इसे अपने फायदे के लिए इसको राजनीतिक रंग देते हुए बेवजह मुफ्ती सलमान अजहरी को गिरफ्तार किया। जिसका पुरे देश में जगह जगह पर मुस्लमानों द्वारा विरोध किया जा रहा है।
ज्ञापन में बताया कि गुजरात पुलिस द्वारा मुफ्ती सलमान अजहरी के विरूद्ध झुठा प्रकरण दर्ज कर उनको परेशान व प्रताड़ित किये जाने व उनके विरूद्ध दर्ज प्रकरण को वापस लेने तथा उनको रिहा करवाये जाने की मांग की।
राष्ट्रपति को ज्ञापन देते हुए मुस्लिम समाज ने कहा कि मुफ्ती सलमान अजहरी इस्लाम के धर्मगुरू है जिनके विरूद्ध गुजरात पुलिस द्वारा गत दिनों उनके एक प्रोग्राम का विडियो लेकर हेट स्पीच का प्रकरण दर्ज कर उनको गिरफ्तार किया गया है । गुजरात पुलिस द्वारा उक्त प्रकरण मिथ्या,झुठे आधारों पर दर्ज किया गया है । जबकि उक्त विडियो में किसी भी प्रकार का भडकाऊ भाषण नही दिया है। गुजरात पुलिस द्वारा सलमान अजहरी किब्ला को गिरफ्तार कर मुस्लिम समाज की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है । जिसको लेकर सम्पूर्ण भारत का मुस्लिम समाज रोष प्रकट करता है व गुजरात पुलिस की इस कार्यवाही की निन्दा करता है । ज्ञापन में राष्ट्रपति से मांग की है कि मुफ्ति सलमान अजहरी साहब के विरूद्ध दर्ज किये गये प्रकरण को वापस लिये जाने एवं गुजरात पुलिस के दोषी अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार कानुनी कार्यवाही किये जाने की कृपा करें । जिससे सलमान अजहरी साहब व मुस्लिम समाज को प्राकृतिक न्याय मिल सके ।
इस दौरान तकिया मस्जिद इमाम जफरूद्दीन, अंजुमन कमेटी सदर रफीक ाहद, हाजी सत्तार गौड़, रसीद नेब, शरीफ अंसारी, मोहम्मद असलम मंसूरी, सरफुद्दीन पठान, रफीक पुवांर, आदिल तंवर सहित सैकड़ों मुस्लिम समाज के लोग मौजूद थे।