भीलवाड़ा, पेसवानी। हरी शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर भीलवाड़ा के आराध्य सतगुरु बाबा हरीराम साहिब जी का 155वां वार्षिक प्राकट्य उत्सव 3 मार्च रविवार को मनाया गया। परंपरानुसार उत्साह एवं उमंग के साथ संपन्न हुए बाबा जी के प्राकट्य उत्सव पर संतो महापुरुषों के सत्संग प्रवचन हुए। बाबा हरीराम साहब जी की मूर्ति का श्रंगार व पूजन किया गया। उदासीनाचार्य श्री श्रीचंद्र जी महाराज, गुरुजनों की समाधि साहब, गुरुओं के आसण साहेब,चरण पादुका एवं छड़ी का पूजन किया गया। अन्नपूर्णा रथ से अन्नक्षेत्र सेवा हुई। महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन एवं संत मंडली ने पूज्य बाबा हरीराम जी की स्तुति कर मुहिंजों जन्म सुधारो ओ बाबा नालो मीठो तव्हांजो व जन्मदिन आयो आ प्यारो प्यारो सहित अनेक भजन गाए। उन्होंने श्रद्धालुओं को बाबा हरिराम साहब जी के चमत्कारों व आध्यात्मिक शक्तियों का बखान किया। उन्होंने अनेक प्रसंग बताते हुए कहा कि बाबा जी की शक्तियों के आज भी प्रत्यक्ष प्रमाण मौजूद हैं। वे अखंड भारत के सिंध में विख्यात कर्म योद्धा एवं तपस्वी संत थे। बाबा जी के बताए सेवा और सुमिरन के प्रकल्प हरी शेवा आश्रम में सदैव होते रहे है। स्वामी जी ने बाबा जी के प्रिय वचनों में से एक मन मंदिर तन वेस कलंदर घट ही तीरथ नावा – एक शब्द मेरे प्राण बसत है बाहुड जन्म न आवां का भी श्रद्धालुओं के साथ वाचन कराया। एवं सभी को सेवा व सिमरन का संकल्प दिलाया । देश विदेश में बाबाजी के अनुयायियों ने सुंदरकांड पाठ, भजन, कीर्तन, सेवा सुमिरन कर प्राकट्य उत्सव मनाया। श्रीचंद्र मात्रा साहिब पाठ, आरती, प्रार्थना पश्चात फल एवं प्रसाद वितरण हुआ किया गया। इस अवसर पर संत मयाराम, संत राजाराम, संत गोविन्दराम, बालक मंडली एवं श्रद्धालुगण उपस्थित रहे।