सवाई माधोपुर 6 मार्च। रणथम्भौर दुर्ग में चल रहे जीर्णोद्वार कार्याे का बुधवार को जिला कलक्टर डाॅ. खुषाल यादव ने सहायक निदेषक पर्यटन, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों एवं इन्टेक कन्वीनर के साथ औचक निरीक्षण किया।
जिला कलक्टर ने कहा कि किले में चल रहे जीर्णोद्वार कार्य पुरातत्व विभाग के नियमानुसार गुणवत्तायुक्त रूप से कराए जाए। इस दौरान उन्होंने पुरातत्व विभाग द्वारा विगत पांच वर्षो में किए गए कार्यो की जानकारी प्राप्त कर विŸाीय वर्ष 2024-25 में विभाग द्वारा प्रस्तावित कार्यो के संबंध में संबंधित अधिकारियों को आवष्यक दिषा निर्देष दिए।
उन्हांेने रणथम्भौर दुर्ग आने वाले पर्यटकों एवं त्रिनेत्र गणेष मंदिर के दर्षनार्थियों को पेयजल, शौचालयों की मूलभूत सुविधाए उपलब्ध करवाने के साथ-साथ किले में स्थित प्याऊओं, शौचालयों किले से संबंधित जानकारी आमजन को मिले इसके लिए कल्चर नोटिस बोर्ड (सीएनबी), साईनेज इत्यादि लगवाने के निर्देष पुरातत्व विभाग के अधिकारी को दिए। उन्होंने कहा कि किले में लगे विभिन्न ताम्रपत्रों एवं षिलालेखों को अंग्रेजी-हिन्दी में अनुवाद कराकर उन्हें सदृष्य स्थानों जहां षिलालेख व ताम्रपत्र मिले वहीं उनके अनुदित कल्चर नोटिस बोर्ड लगाए जाए। उन्होंने पर्यटकों को आकृर्षित करने के लिए प्रमुख 5 स्थानों पर व्यू पाॅइन्ट्स बनाने के निर्देष भी दिए। इसके साथ-साथ उन्होंने विभागीय वेबसाईट जिस पर किले से संबंधित जानकारी उपलब्ध है उसका भी अंकित विभिन्न स्थानों पर करने के निर्देष पुरातत्व विभाग के अधिकारियों को दिए है। उन्होंने कहा कि किले में स्थित त्रिनेत्र गणेष मंदिर के विकास हेतु राज्य सरकार ने इस विŸाीय वर्ष के बजट में घोषणा की है। उसके ध्यान में रखते हुए किले में प्लास्टिक पर पूर्णतय प्रबंधित करने एवं नियमित रूप से साफ-सफाई करवाने के निर्देष भी पुरातत्व विभाग एवं मंदिर ट्रस्ट को दिए है। उन्होंने कहा कि किले में कोई व्यक्ति अपना नाम, मोबाईल नम्बर लिखकर किले को बदरंग करेगा या नुकसान पहुंचाएगा उसके खिलाफ राजस्थान सम्पत्ति विरूपण निवारण (संषोधन) अधिनियम, 2015 के तहत सख्त कार्यवाही की जाएगी।
इस दौरान उन्होंने त्रिनेत्र गणेष मंदिर की ओर जाने वाले रास्तों पर विकास कार्यो में गति लाने के साथ-साथ मंदिर प्रांगण में स्थित दुकानदारों को उनकी दुकाने व्यवस्थित रखने एवं दुकानों में एकरूपता लाने के निर्देष भी संबंधित को दिए।
इस दौरान उन्होंने स्मारकों, बादल महल, लक्ष्मीनारायण मंदिर, पचैरी महल, हम्मीर महल, सिंगजी की हवेली आदि का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का देखा।