शिक्षा सामाजिक बदलाव का माध्यम- खांट
बांसवाड़ा, अरुण जोशी। शिक्षा उप निदेशक मावजी खांट ने कहा कि किसी भी समाज के विकास में शिक्षा एक सशक्त माध्यम है। उन्नति और समृद्धि का मार्ग ही शिक्षा है। यह बात उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आयोजित अभिनंदन समारोह में कही। जिले के जनजाति शिक्षाविदों की ओर से सभागार में हुए इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि प्रशासनिक पद की जिम्मेदारी को समझने वाले व्यक्ति के लिए कांटों का ताज नहीं होता। समय, समर्पण और साधना के द्वारा इस पद को जिया जा सकता है। वर्तमान दौर में प्रत्येक अधिकारी को अपनी भूमिका समझते हुए अपडेट रहना होगा। प्रत्येक कार्य को सकारात्मक सोच के साथ लेने से उसकी सफलता मिलती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता केशव बामनिया ने की। विशिष्ट अतिथि रूपजी बारिया, जीतमल पणदा व भीमजी सुरावत रहे। यहां हुए शैक्षिक मंथन में वक्ताओं ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए व्यापक प्रयास करने का संकल्प लिया। मुख्य वक्ताओं में कन्हैयालाल बामनिया,हर्षलता ताबियार, कन्हैयालाल डोडियार ने अपनी बात कही। इस मौके पर कईं शिक्षाविदों ने शैक्षिक दृष्टि से सामाजिक उत्थान पर प्रधानाचार्य की भूमिका पर विचार व्यक्त करते हुए एक मंच पर बैठकर चिंतन की आवश्यकता बताई। कार्यक्रम में खांट का माल्यार्पण व साफा बंधवाकर अभिनंदन किया गया। इस मौके पर दलसिंह अमलियार, सुमित्रा बामनिया, रमिला डिण्डोर, लाड़जी डामोर, विनोद रावत, सबु रावत, नानूलाल खांट, संजय गरासिया, लक्ष्मण मईड़ा, दीपिका कटारा, कैलाश मीणा,अरुणा डिण्डोर,अनिता परमार,रमेशचंद्र अहारी ने भी विचार व्यक्त किये। समारोह का संचालन प्रमोद ताबियार ने किया। आभार विनोद निनामा ने व्यक्त किया। इस मौके पर अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी, एसीबीईओ व प्रधानाचार्य स्तर के शिक्षाविद केशुलाल खराड़ी,नानूलाल खांट,बहादुर सिंह डामोर,बदेसिंह डामोर,गौतम लाल कटारा,राकेश देवदा, मंगल सिंह पणदा, मोहनलाल खांट रामलाल डिंडोर, दिलीप ताबियार, कालूराम खांट बसंतलाल खांट,वाल सिंह गनावा उपस्थित रहे। ये जानकारी विनोद पानेरी और कन्हैयालाल डोडियार ने दी।