चुनावी रण में भाजपा से नीरज त्रिपाठी व कांग्रेस से उज्जवल रमण एक दूसरे को शिकस्त देने में झोंकी है मुद्दा विहीन ताकत-क्षेत्रवासी

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चुनावी रण में भाजपा से नीरज त्रिपाठी व कांग्रेस से उज्जवल रमण एक दूसरे को शिकस्त देने में झोंकी है मुद्दा विहीन ताकत-क्षेत्रवासी

प्रयागराज।उत्तर प्रदेश की प्रयागराज लोकसभा सीट की चर्चा देशभर में है। मगर यहां बेरोजगारी व किसानों की चर्चा कोई भी दल नहीं कर रहा है। सियासी गलियारों में बेरोजगारी और किसानी मुद्दे गायब हैं। प्रमुख रोजगार देने वाला खनन और गेहूं चावल पैदा करने वाले किसानों का हाल बेहाल है। कांग्रेस से उज्ज्वल रमण सिंह और भाजपा से नीरज त्रिपाठी चुनाव मैदान में है। प्रयागराज की इस लोकसभा सीट पर सियासी तापमान बढ़ने लगा है। उत्तर प्रदेश की यह लोकसभा सीट जिसे भारतीय जनता पार्टी मोदी लहर में दो बार लगातार आसानी से जीत पाई है। 2014 के आम चुनाव में समाजवादी पार्टी के दिग्गज कुंवर रेवती रमन सिंह को 69000 वोटो से श्यामा चरण गुप्ता ने हराया था। और 2019 में रीता जोशी ने भी आसानी से जीत दर्ज की थी। प्रयागराज में विधानसभा की पांच सीटें आती हैं जिनमें मेजा ,करछना, सोरांव, बारा,इलाहाबाद दक्षिणी शामिल हैं ।

बेरोजगारी व किसानों के मुद्दे गायब
प्रयागराज सीट की चर्चा खूब है लेकिन यहां बेरोजगारी और किसानों की बात कोई नहीं कर रहा है। यहां रोजगार की तलाश में युवा और खेती करने वाले किसान परेशान हैं। पिछले महीने हुई बरसात और ओलावृष्टि ने किसानों पर कहर बरपाया है। मगर इनकी न तो कोई सुध ले रहा और न ही चर्चा हो रही। अभी तक मु्आवजा का एलान भी नहीं हुआ है।
कोई दल नहीं पूछ रहा हाल
स्थानीय किसानों ने फसल का समर्थन मूल्य तय करने की मांग की। स्थानीय किसानों ने कहा कि किसानों के प्रति न तो भाजपा ने ध्यान दिया और न ही कांग्रेस ने।
मौसम की वजह से फसल में नमी आ चुकी है। यही वजह है कि बिक्री नहीं हो पा रही है। बेमौसमी बारिश का गेहूं पर भी असर पड़ा है।पहली बार आए है दोनो नए चेहरे मैदान में
रेवती रमण सिंह के बेटे उज्ज्वल रमण सिंह प्रयागराज के सियासी रण में पहली बार कांग्रेस से लोकसभा चुनाव में उतरे हैं, इससे पहले वह सपा से विधायक रह चुके हैं। भाजपा ने नीरज त्रिपाठी को टिकट दिया है। दोनों ही दलों के सामने इस सीट पर चुनौती कम नहीं है। यहां सपा कांग्रेस के कई छोटे-बड़े नेता और कार्यकर्ताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया है। वहीं भाजपा के सामने पार्टी के पुराने नेताओं को साधने की चुनौती है।
करीबी छोड़ रहे साथ
भाजपा लगातार प्रयागराज में कांग्रेस सपा के करीबियों को तोड़ने में जुटी है। कई ग्राम प्रधान भी भाजपा में जा चुके हैं। जिला और ब्लॉक स्तर के पदाधिकारी भी भाजपा में शामिल हो गए हैं। कई चेयरमेन,पार्षदों ने भी पाला बदल लिया है।
समय-समय पर बदलता रहा है यहां का समीकरण
प्रयागराज सीट की पूरे देश में चर्चा है। इस सीट ने देश को बड़ी राजनीतिक शख्सियत दी हैं देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री वीपी सिंह मुरली मनोहर जोशी जनेश्वर मिश्र रेवती रमण सिंह राजनीतिक दिग्गज यहां से चुनाव जीते हैं।हेमवती नंदन बहुगुणा जोशी जैसे दिग्गज को हराकर अभिनेता अमिताभ बच्चन भी यहां से सांसद रह चुके हैं।अब पिछले 10 सालों से यहां की सीट बीजेपी की झोली में है। श्यामा चरण के बाद अब रीता जोशी यहां से सांसद हैं। लोकसभा चुनाव होने में अभी अभी कुछ ही दिन बाकी है सभी राजनीतिक पार्टियों का प्रचार-प्रसार भी तेजी से चल रहा है इस बार समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस का गठबंधन होने के बाद प्रयागराज संसदीय सीट कांग्रेस के खाते में आ गई है इस बार यहां का समीकरण बदला बदला लग रहा है यहां से उज्ज्वल रमण सिंह मैदान में है और भाजपा से नीरज त्रिपाठी को उम्मीदवार उतारा गया है। अब समय के गर्त में है कि इस बार किसके माथे विजय तिलक लगेगा।भाजपा हैट्रिक लगाएगी या उज्जवल सिंह रोक देंगे भाजपा का हैट्रिक स्कोर।मगर इस बार कांग्रेस और भाजपा ने भी पूरी ताकत इस सीट पर झोंक रखी है।


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