डॉ. मधु मुकुल चतुर्वेदी मैसूर में होंगे सम्मानित
सवाई माधोपुर 3 जून। भारत की विश्वविख्यात साहित्यिक संस्था अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति के आगामी 19, 20, एवं 21 जून को कर्नाटक के ऐतिहासिक नगर मैसूर के रॉयल इन सभागार में आयोजित किये जा रहे 18वें राष्ट्रीय अधिवेशन मैसूर महोत्सव में सुविख्यात साहित्यकार एवं समाज सेवी डॉ. मधु मुकुल चतुर्वेदी को जनसेवा शिखर सम्मान प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा।
चतुर्वेदी ने बताया कि इस तीन दिवसीय अठारहवें राष्ट्रीय अधिवेशन मैसूर महोत्सव का उद्घाटन कन्नड़ भाषा के सुप्रसिद्ध साहित्यकार और पटकथा लेखक पद्मभूषण संतेशिवरा लिंगन्नैया भैरप्पा करेंगे। पृथ्वी संरक्षण और पर्यावरण के ज्वलंत संदर्भ को समर्पित इस साहित्य महोत्सव की अध्यक्षता विश्व विख्यात चिंतक कवि प्रज्ञान पुरुष पंडित सुरेश नीरव करेंगे। इस अवसर पर संस्था की बहुराष्ट्रीय पत्रिका प्रज्ञान विश्वम के लोकार्पण के अतिरिक्त अन्य रचनाकारों की प्रकाशित पुस्तकों का भी लोकार्पण किया जाएगा जिसमें कि उमंग सरीन का कहानी संग्रह परछाईयों के पार, श्रीलाल जोशी का काव्य संग्रह कविता भरी जिंदगष्, डॉ. सविता चड्ढा की पुस्तक सृजन के विविध आयाम, प्रदीप देवीशरण भट्ट का कहानी संग्रह काला हंस तथा सुधा अहलुवालिया का गीत संग्रह भोर की ओर उल्लेखनीय हैं। कार्यक्रम में कन्नड़ लोकसंस्कृति पर केन्द्रित लोकनृत्य, लोकसंगीत और मुंबई से आए राजोरिया दंपत्ति का गायन साहित्य महोत्सव का प्रमुख आकर्षण होंगे। इस अवसर पर प्रतिभागियों की पुस्तकों को लेकर पुस्तक प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है। इस महोत्सव में साहित्य और संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं हेतु रचनाकरों को पारंपरिक कन्नड़ शैली में सम्मिलित करते हुए अलंकृत किया जाएगा।
यह भी उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति (पंजीकृत) साहित्य, कला, संस्कृति और देश की समस्त भाषाओं के उन्नयन को समर्पित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित एक गैर सरकारी देश की एक अग्रणी संस्था है जो अभी तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, मुंबई (महाराष्ट्र), पणजी (गोवा), गुवाहाटी (असम), श्रीनगर, जम्मू कश्मीर, शिमला (हिमाचल), बैंगलुरू (कर्नाटक), पोर्टब्लेयर (अंडमान निकोबार), शिरडी, गांधी नगर (गुजरात), बद्रीनाथ (उत्तराखंड), ग्वालियर (मध्यप्रदेश), मुरैना (मध्यप्रदेश), हिसार (हरियाणा), विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश), गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) और मसूरी (उत्तराखंड) सहित, देश के भिन्न-भिन्न सत्रह राज्यों में अपने राष्ट्रीय अधिवेशन के अलावा देहरादून, इंदौर, नागदा और उज्जैन में भी विशेष साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित कर चुकी है।