भेलांव गांव के एक युवक की शुक्रवार को गोली मारकर कर दी गई थी हत्या
एसडीएम बारा के सभी मांगों को पूरा करने के लिखित वादे पर माने लोग
प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर बारा थाना क्षेत्र अंतर्गत शुक्रवार की सुबह गोली मारकर युवक की हत्या करने से गुस्साए परिजनों ने इलाहाबाद बांदा राष्ट्रीय राजमार्ग को लोहगरा के पास शनिवार को शव रखकर चक्का जाम कर दिया। चक्का जाम की सूचना पर प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए । उपजिलाधिकारी बारा समेत कई अधिकारी तथा इलाके के कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंचकर परिजनों को मनाती रही। इस बीच प्रचंड गर्मी में हाइवे पर कई किलोमीटर तक वाहनों की लंबी लाइनें लग गई।बता दें कि बारा थाना क्षेत्र के भेलांव गांव में शुक्रवार को खेत की जुताई करने गए पिता पुत्र पर गांव के ही कुछ लोगों ने पुरानी रंजिश को लेकर गोलियां बरसा दी।गोली लगने से मनीष मिश्रा 27 पुत्र संतोष मिश्रा की मौत हो गई। संतोष मिश्रा के मुताबिक होली पर शराब के नशे में आरोपी राजेश उर्फ साकेत बिहारी पांडे से विवाद हुआ था इसी बात की खुन्नस से आरोपी राजेश ने अपने पिता व चचेरे भाई के साथ असलहा लहराते हुए खेत पर पहुंच गया। जब तक पिता पुत्र कुछ समझ पाते तब तक बिना कुछ बताए मनीष पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी गई। और तीन गोली मनीष को जा लगी। घटना के बाद आरोपी असलहा लहराते हुए फरार हो गए।आनन फानन में परिजनों द्वारा मनीष को अस्पताल ले जाया जा रहा था कि रास्ते में ही मनीष की सांसें थम गई। घटना की सूचना पर तमाम आला अधिकारी मौके पर घटनास्थल पहुंचकर मौका मुआयना किया था। शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद जब शव घर पहुंचा तो परिजन आक्रोशित होकर लोहगरा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर शव रखकर चक्का जाम कर दिया। आरोपियों की धर पकड़ सहित परिजनों ने कई मांग करते हुए हंगामा करने लगे। बारा पुलिस पर भी लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस के खिलाफ भी नारेबाजी की गई। उप जिलाधिकारी बारा दिग्विजय सिंह ,डीसीपी यमुनानगर श्रद्धा नरेंद्र पांडे , एसीपी बारा संतलाल सरोज, तहसीलदार बारा , इंस्पेक्टर बारा, इंस्पेक्टर शंकरगढ़ , थाना प्रभारी लालापुर सहित कई थानों की भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई । उप जिलाधिकारी बारा ने मृतक के बच्चों को निशुल्क इंटर तक की शिक्षा, परिजनों को एक शस्त्र लाइसेंस ,सुरक्षा के लिए एक सिपाही , नियमानुसार आर्थिक मदद , मृतक की पत्नी को पेंशन , आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी और आरोपियों के अवैध कब्जे को जल्द से जल्द धराशाई करने का लिखित आश्वासन दिया। उप जिलाधिकारी बारा के आश्वासन के बाद परिजन मान गए और शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस घटना से पूरे क्षेत्र में दो दिनों से दहशत का माहौल रहा।