राजस्थान पंचायतीराज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक संपन्न

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शिक्षक स्थानांतरणों की नीति बनाकर तृतीय श्रेणी शिक्षकों सहित शिक्षा विभाग में जल्द तबादलें शुरू किए जाए

जयपुर| राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक प्रदेशाध्यक्ष शेर सिंह चौहान की अध्यक्षता में होटल गणगौर जयपुर में आयोजित की गई। जिला मंत्री राहुल सिंह गुर्जर ने बताया की बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल राजस्थान कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष महावीर प्रसाद शर्मा व सवाई माधोपुर जिले के प्रतिनिधि गिर्राज वर्मा प्रदेश संयुक्त महामंत्री, कन्हैयालाल सैनी प्रदेश मंत्री, हरिशंकर गुर्जर प्रदेश सलाहकार ने भाग लिया। बैठक में वक्ताओं ने कहा की पिछली सरकार की अनदेखी के चलते शिक्षक विभाग का पूरा ढांचा बिगड़ा हुआ पड़ा है। पिछले तीन-चार सत्रों से तृतीय श्रेणी शिक्षकों से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी तक की पदोन्नतियों नहीं होने से प्रदेश के स्कूलों में हजारों वरिष्ठ अध्यापक, व्याख्याता व शिक्षा अधिकारियों के पद रिक्त होने से एक जुलाई से शुरू हो रहे नए सत्र में विद्यार्थियों का शिक्षण कार्य प्रभावित होगा, वही बिना सक्षम अधिकारियों के प्रदेश के अधिकतर शिक्षा अधिकारी कार्यालयों की व्यवस्थाएं चरमरा रही है। प्रदेशाध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में 20000 से अधिक शिक्षक एक साल से अधिशेष चल रहे हैं, लेकिन उनका समायोजन नहीं किया जा रहा है। प्रदेश में हजारों शिक्षकों को तीन से चार महीने से वेतन की समस्या से जूझना पड़ रहा है। प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा ने कहा कि पिछले 6 सालों में तबादला नीति बनाने और लागू करने के नाम पर तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण नहीं कर सबसे बड़े शिक्षक संवर्ग की अनदेखी की जा रही है जिसे अब और बर्दाश्त नहीं कर जल्द राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। संघ के प्रदेश प्रवक्ता नारायण सिंह ने बताया कि जल्दी मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री एवं शीर्ष अधिकारियों से मिलकर शिक्षक संवर्ग की वर्षों से रुकी हुई डीपीसी कराने, राज्य में शिक्षकों की पारदर्शी तबादला नीति बनाकर डिजायर सिस्टम समाप्त कराकर जल्द सभी श्रेणी के शिक्षकों के स्थानांतरण शुरू करने, आरजीएचएस योजना का दायरा बढ़ाकर बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने, बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम के लिए शिक्षकों को मिड-डे-मील, दूध वितरण, बीएलओ सहित सभी प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्य से मुक्त करने, न्यायालय प्रकरणों का निस्तारण होने तक अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक, व्याख्याता, वाइस प्रिंसिपल, डीईओ को तदर्थ पदोन्नति देने, ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षक कर्मचारियों को 10 प्रतिशत विशेष ग्रामीण भत्ता देने, शिक्षक व कर्मचारियों को 8, 16, 24, 32 वर्षीय सेवा पर पदोन्नति पद का चयनित वेतनमान दिए जाने, शिक्षक संवर्ग की लंबे समय से चली आ रही वेतन विसंगति दूर कर केंद्र के समान तृतीय श्रेणी शिक्षकों की ग्रेड पे 4200 वरिष्ठ अध्यापक की 4800 तथा व्याख्याता की 5400 ग्रेड पे कर पे रिवाइज करने तथा वर्ष 2006 से 2008 के मध्य नियुक्त तृतीय श्रेणी शिक्षकों और प्रबोधक को देय मूल वेतन 11 हजार 170 रुपए की विसंगति को दूर कर मूल वेतन 12 हजार 900 रुपए निर्धारित कराने की मांगों के निराकरण को लेकर ज्ञापन देकर वार्ता की जाएगी। प्रदेश संयुक्त महामंत्री गिर्राज वर्मा ने प्रदेशाध्यक्ष शेर सिंह चौहान को 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपकर शिक्षक समस्याओं का निराकरण कराने की मांग की। प्रदेश मंत्री कन्हैया लाल सैनी ने संबोधित करते हुए कहा की संघ के पदाधिकारियों द्वारा व्यापक सदस्यता अभियान चलाकर अधिक से अधिक शिक्षकों को संगठन से जोड़ने साथ ही प्रदेश पदाधिकारियों को अन्य जिलों का प्रभारी बनाकर संगठन को मजबूती देने पर बल दिया। जिलामंत्री राहुल सिंह गुर्जर ने कहा की युवा एवं प्रतिभाशाली शिक्षकों को आगे बढ़ने के समान अवसर मिले इसके लिए उप प्रधानाचार्य के वर्तमान सेवा नियमों में संशोधन कर 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाने का प्रावधान लागू किया जाए। बैठक में विजय कुमार शर्मा, शंभू सिंह मेड़तिया, बालाराम चौधरी, जवरीलाल प्रजापत, गोपाल मीणा, सीताराम शर्मा, सत्येंद्र सिंह यादव, रूपलाल मीणा, सतीश जैन, राजेंद्र सिंह राठौड़, हरिसिंह गुर्जर, स्वरूप सिंह शक्तावत, भेरू लाल कलाल, सुखलाल मीना, प्रेम कुमार चंदोरा, हंसराज सहारण सहित प्रांतीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी एवं विभिन्न जिलों के जिलाध्यक्ष व जिला मंत्री मौजूद रहे। बैठक की कार्यवाही का संचालन प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा ने किया।

वोक्स ओपीएस को यथावत रख कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए। बैठक में संघ के प्रदेशाध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने कहा कि किसी भी लोक सेवक के लिए पेंशन बुढ़ापे का सहारा होती है ऐसे में केंद्र सरकार को पूरे देश में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर राज्य में इसे यथावत रखने, आगामी बजट में आठवें वेतन आयोग की घोषणा करने तथा लंबे समय से चली आ रही शिक्षक कर्मचारियों की वेतन विसंगति को दूर कर केंद्र के समान वेतनमान देने की मांग रखी।


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