पर्यावरण संरक्षण पर राष्ट्रीय ई-कार्यशाला का आयोजन
सवाई माधोपुर 5 जून। शहीद कैप्टन रिपुदमन सिंह राजकीय महाविद्यालय सवाईमाधोपुर में स्नातकोत्तर एवं स्नातक स्तर के विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं एवं प्रतिभागियों को पर्यावरण संरक्षण एवं सतत विकास के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एनवायरनमेंट कंजर्वेशन विषय पर विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को प्रातः 9.30 बजे से ऑनलाइन राष्ट्रीय ई-कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का शुभारंभ संरक्षक एवं महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर गोपाल सिंह, संयोजक डॉ रामलाल बैरवा एवं डॉ पांचाली शर्मा एवं कार्यशाला प्रभारी डॉ प्रेम सोनवाल द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर हुआ। प्राचार्य प्रोफेसर गोपाल सिंह ने अपने स्वागत भाषण में बताया कि पर्यावरण को सुरक्षा प्रदान करने का संकल्प लेने के उद्देश्य से ही हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। हालांकि आज के औद्योगीकरण के दौर में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई चिंता का विषय बन गया है। पर्यावरण प्रदूषण के चलते दुनियाभर के इकोसिस्टम में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है।
कार्यशाला के संयोजक डॉ रामलाल बैरवा एवं डॉ पांचाली शर्मा ने मुख्य वक्ता भारत के प्रमुख पर्यावरणविद् प्रो0 टी.आई.खान, पूर्व निदेशक-इंदिरा गाँधी सेन्टरफॉर ह्यूमन इकोलोजी, एनवायरनमेंटल एंड पॉप्युलेशन स्टडीज, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर का परिचय दिया। कार्यशाला के समन्वयक एवं आयोजन सचिव डॉ प्रेम सोनवाल ने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य लोगों के बीच पर्यावरण से जुड़े मुद्दे जैसे ग्रीन हाउस के प्रभाव, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग, प्लास्टिक प्रदूषण आदि मुद्दों पर जागरूक करना है।
मुख्य वक्ता एवं पर्यावरणविद् प्रो0 टी.आई.खान ने इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम सोल्यूशंस टु प्लास्टिक पोल्लूशन के अनुसार प्लास्टिक प्रदूषण कम करने पर जोर दिया। उन्होंने अपने भाषण में प्लास्टिक प्रदूषण की व्याख्या की, इसके दुष्परिणाम, जल, जमीन में, महासागर में प्लास्टिक प्रदूषण, विभिन्न प्रकार की बीमारियों का बढ़ना, प्लास्टिक प्रदूषण रोकने के उपाय, प्लास्टिक ईटिंग बैक्टीरिया, प्लास्टिक रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकिल के बारे में बताया एवं प्लास्टिक के अन्य वेकल्पिक साधनों के इस्तेमाल पर जोर दिया। जिनमें पेपर बैग, ेजंपदसमेे-ेजममस स्ट्रा आदि का इस्तेमाल करना बताया। इन्होने बताया कि हम पर्यावरण संरक्षण के लिए कपड़े का थैला रखें, पौधरोपण करें, पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें, प्लास्टिक का यूज करें, सिंगल यूज प्लास्टिक से बचें, स्टील का लंच बॉक्स एवं बोतल का इस्तेमाल करें, कचरा कंपोस्ट करें एवं प्लास्टिक प्रोडक्ट कम खरीद।
कार्यशाला के इंटररेक्शन सत्र में जयपुर से डॉ अमर नाथ अग्रवाल एवं बूँदी से डॉ विकास कुमार शर्मा की जिज्ञासा पर मुख्य वक्ता ने अपने विचार प्रकट किये। कार्यशाला को सफल बनाने में योगदान आयोजन समिति के सदस्यों का योगदान रहा। कार्यशाला का लाइव आयोजन गूगलमीट के द्वारा किया गया। कार्यशाला में भारत के विभिन्न राज्यों तमिलनाडु, महाराष्ट्र, झारखंड, असम, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, आंध्रप्रदेश एवं मलेशिया से लगभग 700 प्रतिभागियों ने गूगलमीट द्वारा भाग लिया। कार्यशाला के अंत मे कार्यशाला के प्रभारी डॉ प्रेम सोनवाल कार्यशाला में जुड़े रहे सहभागियों का कार्यशाला को सफल बनाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।