भाजपाइयों ने आपातकाल को याद कर काली पट्टी बांध मनाया काला दिवस
25 जून 1975 की आधी रात लागू हुई थी इमरजेंसी छिन गए थे जनता के सारे अधिकार-सुशील त्रिपाठी
प्रयागराज। कांग्रेस पार्टी का सत्ता बरकरार रखने के लिए असंवैधानिक तरीकों का इस्तेमाल करने का इतिहास रहा है। जैसा 1975 के आपातकाल में देखा गया था। कांग्रेस और उसके सहयोगियों की रणनीति आज भी हमारे लोकतंत्र के लिए उतना ही खतरा है जितना 1975 में था। उक्त बातें आपातकाल संगोष्ठी के मुख्य वक्ता काशी क्षेत्र महामंत्री व जिला प्रभारी यमुनानगर सुशील त्रिपाठी ने मंगलवार को जिला कार्यालय सिविल लाइंस में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आपातकाल की 49वीं वरसी को काला दिवस के रूप में मनाते हुए कहीं और आगे बताया आपातकाल और लोकतंत्र की हत्यारी कांग्रेस सरकार सत्ता विहीन होने से बौखलाई और झूठा प्रचार और डर का माहौल बनाते हुए अखिलेश ने मुजफ्फरनगर में कहा था 400 के पार का नारा संविधान बदलने के लिए दिया जा रहा है। अगर वह जीत गए तो ना सिर्फ संविधान बदल देंगे बल्कि आरक्षण भी ख़त्म कर देंगे। ममता ने कहा वे आपसे बोट देने का अधिकार भी छीन लेंगे। भविष्य में कोई संविधान नहीं होगा, कोई चुनाव नहीं होगा इस प्रकार डर और झूठ का माहौल बनाया।भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष व मीसाबंदी नरेंद्र देव पांडेय ने आपातकाल के दिनों को स्मरण कर सिहर जातें हैं और कार्यकर्ताओं से कहते हैं इंदिरा गांधी के लोकसभा सदस्यता निरस्त होने के बाद वह प्रधानमंत्री नहीं रह सकतीं थीं। इसलिए पूरे देश में आपातकाल लगा दिया। देश में केवल इंदिरा गांधी जो कहें वहीं होने लगा सरकार के विरोधियों को ठूंस-ठुंस कर जेलों में भर दिया गया। हम लोगों को गिरफ्तार करके जेलों में डाल दिया गया। बिजली काटकर प्रेस में सेंसर सिप लागू कर दिया। बीबीसी रेडियो सुनना जुर्म हो गया, लोग चोरी छिपे खिड़की बंद करके सुनते थें। सात फिट लम्बी चौड़ी काल कोठारी में मीसाबंदियों को जेलों में यातनाएं दी जाती थी। कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ानें वाले आज कहते हैं संविधान ख़तरे में है।संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष विनोद प्रजापति ने स्वागत अभिनंदन करते हुए कहा आपातकाल देश का व कांग्रेसियों का वह कलंक है जो मिट नहीं सकता कांग्रेस फूट डालो राज करो और विदेशी शक्तियों का उपयोग देश के विरुद्ध करने का दण्ड देश की जनता ने दे दिया उसी में त्राहि-त्राहि कांग्रेस गठबंधन में मचीं हुईं हैं। जिला मीडिया प्रभारी दिलीप कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि कार्यकर्ताओं ने बाज़ू में काली पट्टी बांध कर काला दिवस मनाया। मीसाबंदियों को जिलाध्यक्ष विनोद प्रजापति व जिला प्रभारी सुशील त्रिपाठी ने घरों में जाकर भी सम्मानित करते हुए मां के नाम पौधारोपण भी किया। संचालन कार्यक्रम के जिला संयोजक जिला उपाध्यक्ष राजेश्वरी तिवारी ने किया। कार्यक्रम को काशी क्षेत्र किमो. उपाध्यक्ष रमाकांत विश्वकर्मा, काशी क्षेत्र उपाध्यक्ष युमो.समीर मिश्र,जिला उपाध्यक्ष त्रिवेणी प्रसाद पांडेय,जय सिंह पटेल,ज्ञान सिंह पटेल,प्रकाश शुक्ल प्रचंड,कमलेश त्रिपाठी, सुधाकर पांडेय,अशोक चौधरी,मनोज गुप्ता,शतीश विश्वकर्मा,अखिलेश सिंह पटेल,जगत शुक्ला,दिनेश प्रजापति,राकेश विश्वकर्मा,लीला वती, सुनील प्रजापति आदि के साथ जिला पदाधिकारी मंडल प्रभारी, मंडल अध्यक्ष और वरिष्ठ कार्यकर्ता पदाधिकारी उपस्थित रहें।
आपातकाल संघर्ष के सिपाही नरेंद्र देव पांडेय का हुआ सम्मान
आपातकाल के संघर्ष के सिपाही जिन्होंने आपातकाल का डटकर मुकाबला किया किया और जेल जाने वाले मीसाबंदी नरेंद्र देव पांडेय का जिलाध्यक्ष व काशी क्षेत्र महामंत्री ने माल्यार्पण करते हुए अंगवस्त्रम् व श्रीराम लला की स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। जिला पदाधिकारी व मंडल अध्यक्षों ने भी माल्यार्पण करके स्वागत अभिनंदन करते हुए आशीर्वाद प्राप्त किया।