जौनपुर। उत्तर प्रदेश के जौनपुर में पुलिस और मऊ एसटीएफ की टीम को एक बड़ी सफलता है।आज सुबह लगभग 4 बजे पुलिस और एसटीएफ की टीम की बदमाशों के साथ एक मुठभेड़ हुई।मुठभेड़ में जौनपुर का नामी बदमाश और बिहार के माफिया गिरोह के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर हत्या करने वाले सुमित उर्फ मोनू चवन्नीं को गोली लग गई। इसके बाद उसे इलाज के लिए तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।चवन्नी को पुलिस लंबे समय से खोज रही थी। इसे पकड़ने के लिए पुलिस ने 1 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था।चवन्नी पर जौनपुर,गाजीपुर,बलिया,मऊ समेत बिहार में भी कुल 23 मामले दर्ज थे। चवन्नी पर हत्या के भी कई आरोप थे।
चवन्नी के पास मिली AK-47 और पिस्टल
मिली जानकारी के मुताबिक बदलापुर की पीली नदी के पास एसटीएफ और पुलिस ने सुमित कुमार उर्फ मोनू चवन्नी को रोकने का प्रयास किया मगर चवन्नीं और उसके साथियों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की,जिसमें चवन्नीं घायल हो गया और बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस को चवन्नीं के पास से एक AK-47 और एक 9 MM कि पिस्टल भी बरामद हुआ। इसके अलावा एक बोलेरो गाड़ी को भी पुलिस ने जब्त किया है।मौके से चवन्नी के दो साथी भागने में कामयाब रहे।उनकी तलाशी के लिए आसपास के थाना क्षेत्रों में सर्च अभियान चलाया जा रहा है।
शहाबुद्दीन के लिए काम कर चुका था चवन्नी
जानकारी के मुताबिक सुमित कुमार सिंह उर्फ मोनू चवन्नी पैसे लेकर हत्या करने के अलावा बिहार के चर्चित माफिया रहे शहाबुद्दीन और अन्य गिरोहों के लिए भी काम कर चुका था।
चवन्नी मऊ का रहने वाला था।इस एनकाउंटर को एसटीएफ के अधिकारी डीके शाही और उनकी टीम ने अंजाम दिया।
पिछले 5 सालों में हुए कई एनकाउंटर
उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले 5 सालों में कई एनकाउंटर करते हुए राज्य में अपराधियों पर नकेल कसी है।विकास दुबे से लेकर अतीक अहमद की मौत ने आपराधियों के अंदर खौफ भरा है। इन मुठभेड़ों ने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को बेहतर करने और अपराधियों में एक डर पैदा करने में मदद की है।पिछले 6 साल में 9,434 से ज्यादा मुठभेड़ हुई हैं। इन मुठभेड़ों में 183 अपराधी मारे गए हैं। इस दौरान 13 पुलिसकर्मी भी शहीद हुए हैं।