कलेक्टर शेखावत के प्रयासों से शाहपुरा जिले के 155 बेसहारा बच्चों का चयन

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शाहपुरा जिले के कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत के अथक प्रयासों से जिले के 155 बेसहारा बच्चों का चयन कर उन्हें व्यक्तिगत लाभार्थी योजना से जोड़ा गया है। इन बच्चों को पालनहार योजना के तहत लाभान्वित करने के उद्देश्य से 5 जुलाई, शुक्रवार को शाहपुरा कलेक्ट्रेट में एक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत और अन्य अधिकारी इन बच्चों को मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।

कलेक्टर शेखावत ने बताया कि शाहपुरा में पदभार संभालने के बाद उन्होंने विभागीय योजनाओं की समीक्षा की और ग्रामीण क्षेत्रों में जनसुनवाई के दौरान उनके मन में यह विचार आया कि जिले के सभी बेसहारा बच्चों को लाभान्वित किया जाए। इसके तहत उन्होंने सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग के स्थानीय अधिकारियों के साथ बैठक की और घर-घर सर्वे कर इन बच्चों की पहचान की।

शेखावत ने बताया कि शाहपुरा जिले में पहली बार शुरू किए गए नवाचार कार्यक्रम ष्बाल सहाराष् के तहत इन बच्चों का चयन किया गया। इस अभियान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत वार सर्वे करवाया गया और प्राप्त सूची की जांच कर पालनहार योजना के पात्र व्यक्तियों के आवेदन तैयार किए गए। इस प्रक्रिया में 96 पालनहारों के 155 बेसहारा बच्चों को चिन्हित कर उन्हें लाभान्वित किया गया है।

शुक्रवार को आयोजित संवाद कार्यक्रम में इन सभी 155 बेसहारा बच्चों को सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग की ओर से पालनहार योजना से लाभान्वित कर स्वीकृति पत्र दिए जाएंगे। इन सभी बच्चों को 5 जुलाई प्रातः 11 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में बुलाया गया है, जहां उनके साथ उनके पालनहारों को भी आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम में जिला कलेक्टर शेखावत और अन्य अधिकारी संवाद कर इन बच्चों के भविष्य की योजनाओं के बारे में मार्गदर्शन देंगे और उनके शैक्षिक उन्नयन की दिशा में कार्य करेंगे।

जिला परिवीक्षा एवं समाज कल्याण अधिकारी राम अवतार जाट ने बताया कि पालनहार योजना में 10 विभिन्न श्रेणियों के बच्चों को शामिल किया जाता है, जिनमें अनाथ, निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा, पुनर्विवाहित विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता, नाता जाने वाली माता के बच्चे, विशेष योग्यजन, सिलोकोसिस, कुष्ठ रोग, एचआईवी या एड्स से पीड़ित, और न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड या आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता के बच्चे शामिल हैं। इन बच्चों को प्रति माह 1000 से 2500 रुपये की राशि प्रदान की जाती है।

कलेक्टर शेखावत के इस महत्वपूर्ण प्रयास से शाहपुरा जिले के बेसहारा बच्चों को एक नया जीवन और उज्जवल भविष्य मिल सकेगा। यह कदम न केवल बच्चों के लिए एक नई राह दिखाता है बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव का प्रतीक भी है। इस पहल के लिए जिला कलेक्टर शेखावत और उनकी टीम की सराहना की जा रही है।


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