हनुमान टेकरी स्थित काठियाबाबा आश्रम के सानिध्य में 15 से 17 नवम्बर तक होगा आयोजन
भीलवाड़ा|धर्मनगरी भीलवाड़ा की पावनधरा पर पहली बार विख्यात आध्यात्मिक गुरू व कथावाचक बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज के मुखारबिंद से हनुमन्त कथा का आयोजन होने वाला है। यह आयोजन छोटी हरणी हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम के सानिध्य में आगामी नवम्बर माह में होने वाला है। आश्रम के महन्त बनवारीशरण काठियाबाबा ने बताया कि बागेश्वरधाम सरकार धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज का 15 से 17 नवम्बर तक भीलवाड़ा में तीन दिवसीय हनुमन्त कथा करने का कार्यक्रम सुनिश्चित हो गया है। इसमें एक दिवसीय दिव्य दरबार का भी आयोजन रखा गया है । बागेश्वरधाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज के पहली बार भीलवाड़ा आने से लाखों भक्तों के उमड़ने की संभावना को देखते हुए इस आयोजन के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की जाएगी। शीघ्र ही आयोजन समिति का गठन कर विधिवत रूप से आयोजन से जुड़ी तैयारियां शुरू हो जाएगी। बागेश्वरधाम सरकार धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज का भीलवाड़ा में कार्यक्रम सुनिश्चित होने की सूचना मात्र से ही उनके भक्तों एवं प्रशंसकों में उत्साह का माहौल बन गया है। इस आयोजन को एतिहासिक रूप से सफल बनाने के लिए भक्तगण बढ़ चढ़कर सहयोग करने को आतुर दिख रहे है। समाज के हर वर्ग की इस आयोजन में सहभागिता के लक्ष्य से कार्य किया जाएगा। भव्य विशाल कथा पांडाल काठिया बाबा आश्रम के पीछे तेरापंथ नगर के पास ही तैयार किया जाएगा। महन्त बनवारीशरण काठियाबाबा के साथ श्यामसुंदर नौलखा एवम आशीष पोरवाल व राकेश दरक ने बागेश्वर धाम जा कर हनुमंत कथा संबंधी प्रक्रिया पूरी की।
कौन है विख्यात कथावाचक धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री
मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के ग्राम गढ़ा मे स्थित श्री बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर 28 वर्षीय धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री श्रद्धालुओं के मध्य बागेश्वरधाम सरकार या बागेश्वरधाम महाराज के नाम से भी विख्यात है। वह रामभक्त हनुमान की पावन कथा जन-जन तक पहुंचाने के लिए हनुमन्त कथा का श्रवण भक्तों को कराते है। वह जहां भी जाते है उनके मुखारबिंद से कथा श्रवण के लिए लाखों भक्तों की भीड़ इस तरह उमड़ती है कि विशाल कथा पांडाल भी छोटे प्रतीत होते है। हनुमान भक्त बागेश्वरधाम सरकार के सानिध्य में हर मंगलवार व शनिवार को दिव्य दरबार का भी आयोजन होता है जिसमें भगवान की कृपा पाने के लिए विशाल जनसमूह उमड़ता है। शास्त्री कथावाचन के साथ सामाजिक क्षेत्र में भी सक्रिय है। असहाय की सेवा भावना से उनके धाम पर निःशुल्क भोजन प्रसाद के लिए अन्नपूर्णा रसोई का भी संचालन किया जाता है। वह निर्धन परिवारों की कन्याओं के विवाह में सहयोग के लिए भी तत्पर रहते है।