धर्मध्वजा है सनातन संस्कृति की रक्षक – महामण्डलेश्वर हंसराम उदासीन
भीलवाड़ा।हरी शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर में चल रहे आराध्य सतगुरूओं के वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन रविवार 7 जुलाई 2024 को धर्म ध्वजा की स्थापना हुई। संतों महात्माओं के सानिध्य में संपन्न हुए धर्म ध्वजा के कार्यक्रम में स्थानीय एवं बाहर के श्रद्धालुगण सम्मिलित हुए। धर्मध्वजा की स्थापना की खुशी में धार्मिक भजनों, बैण्ड की धुनों एवं परंपरागत गीत गाते हुए श्रद्धालुगण उत्साह एवं उमंग से झूम उठे। महामण्डलेश्वर हंसराम उदासीन ने कहा कि धर्मध्वजा की उपस्थिति भक्तों को नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करती है और सदैव सनातन संस्कृति की रक्षा की ओर अग्रसर करती है। महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन के सानिध्य में संत मयाराम, संत राजाराम ,संत गोविंदराम, ब्रहमचारी संत इंद्रदेव, सिद्धार्थ, कुणाल, मिहिर सहित उपस्थित ट्रस्टीगण पदाधिकारीयो, अनुयायियों ने अपने गुरुजनों की स्तुति एवं ध्यान किया। संत मण्डल एवं भक्तों ने हरी शेवा धाम जो झंडो झूले हिंदू धर्म जो झंडो झूले, करे जेको दर्शन हरिय जी दया सा किस्मत खुले गाया। इससे पूर्व स्वामी हंसराम उदासीन ने भजन तन मन तेरा धन भी तेरा एवं आहियां मां आहियां तुहिंजी कर तू सजण मुखे पहिंजी गाकर गुरुओं के प्रसंग बताये। उन्होंने कहा कि वर्तमान काल में संस्कारों की कमी से परिवार टूट रहे है और पारिवारिक विखण्डन को रोकने का एकमात्र उपाय युवा पीढ़ी को मर्यादित आचरण का महत्व समझाया जाये।
सत्संग प्रवचनों के तहत श्री शांतानंद उदासीन आश्रम पुष्कर के महंत हनुमान राम उदासीन ने भजन हरीराम बाबा तू वरयन जो वाली, वयो तो वटा को सवाली न खाली प्रस्तुत किया। श्री ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम अजमेर के महंत स्वरूपदास उदासीन, महाराष्ट्र सिन्धु नगर उल्लासनगर से ईश्वरदास अर्जुनदास, राजकोट के स्वामी अमरलाल, भोपाल के लक्खी साई, माता पारी भीलवाड़ा, इन्दौर के स्वामी मोहनदास संत संतदास चंदन, आदि संतगण सम्मिलित हुए। साथ ही आज श्री जगन्नाथ रथयात्रा हरीशेवा आश्रम में पहुँची, जहाँ प्रभु का स्वागत सत्कार कर विराजमान किया गया। भगवान हरी शयनी एकादशी पर पुनः निजधाम पधारेगे। प्रातःकाल में वैदिक विधि से मंडल पूजन, रुद्राभिषेक, आध्यात्मिक अनुष्ठान तत्पश्चात हवन यज्ञ हुआ, जिसमें संतों सहित यजमानों एवं अनुयायियों ने आहूतियां दी।
आज संतो महापुरूषो द्वारा श्री रामायण पाठ के भोग की रस्म पूर्ण की गई। साथ ही जगतगुरू उदासीनाचार्य श्री श्रीचन्द्र जी महाराज की वाणी ग्रंथ श्रीचन्द्र सिद्धांत सागर का अखण्ड पाठ भी आरंभ हुआ। सायँकाल में संतो महापुरुषों के सत्संग प्रवचन, श्री हनुमान चालीसा, श्री मात्रा साहब, आरती प्रार्थना हुई। सतगुरुओं की समाधियों, धर्मध्वजा, श्री हरि सिद्धेश्वर मंदिर, धूणा साहब, आसण साहब पर श्रद्धालुओं ने शीश निवाया। इसके अतिरिक्त भोपाल के श्री रामश्याम पार्टी द्वारा सांस्कृतिक एवं सूफी भजन प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर भीलवाड़ा सांसद दामोदर अग्रवाल, प्रांत सेवा प्रमुख चित्तौड़ प्रांत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रविंद्र कुमार जाजू, प्रेम गर्ग, कल्पेश चौधरी, कांता देवी अग्रवाल, प्रवक्ता विनोद झुरानी, भारतीय सिंधु सभा के वीरुमल पुरूसानी, ईश्वर कोडवानी, परमानंद गुरनानी हरी सेवा संस्थान के सचिव हेमंत वच्छानी, चंद्र जेठानंद लालचंदानी, हीरालाल गुरनानी, अंबालाल नानकानी, पुरुषोत्तम परियाणी, गोपाल नानकानी सहित अनेक गणमान्य प्रबुद्धजन सम्मिलित हुए।