सद्भाव मुक्ति का व असद्भाव पतन का मार्ग है- श्री हरि चैतन्य महाप्रभु

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कामां| तीर्थराज विमल कुण्ड स्थित श्री हरि कृपा आश्रम के संस्थापक एंव श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर व विश्व विख्यात संत स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज ने यहाँ श्री हरि कृपा आश्रम में उपस्थित विशाल भक्त समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि हमें संसार या कर्मों का त्याग नहीं करना चाहिए बल्कि आसक्ति का त्याग करना चाहिए। आसक्ति रहित पुरुष की प्रत्येक क्रिया स्वार्थहीन होती है जिससे उसके आचरण में प्रेम व दया का भाव विकसित होता है। भोगों की इच्छा वाला व्यक्ति क्या अनर्थ नहीं कर सकता। राग व द्वेष सदाचार के लिए विधातक है। अतः साधक को सदैव इनसे बचना चाहिए। विषय लोलुप व्यक्ति के ना तो आचरण में ही सम्यक सुधार होता है तथा ना ही उसे कहीं शांति मिलती है।

उन्होंने कहा कि सद्भाव मुक्ति का व असद्भभाव पतन का मार्ग है। यथासंभव व्यर्थ के उलझाव से बचने का प्रयास करें। सत्पुरुष कभी भी उदारता, दया व सुहृदयता का त्याग नहीं करते। चाहे उनके साथ कोई निष्ठुरता या अत्यंत निर्दयता का ही व्यवहार क्यों ना करें।

उन्होंने कहा जहां कि मान व प्रतिष्ठा की कामना होती है वहां दंभ व कपट को आश्रय मिल जाता है। आज समाज सुधारकों कि नहीं समाज सेवकों की आवश्यकता है। हमारे आंतरिक भाव जिस प्रकार के होंगे धीरे-धीरे बाहरी चेष्टाएँ भी वैसी होने लगेंगी। जब कोई व्यक्ति निष्पक्ष व शांत होकर अपनी अंतरात्मा से परामर्श लेता है तो उसे सदैव सत्परामर्श ही प्राप्त होता है। संसार में किसी को भी,कभी भी, किसी भी प्रकार से दुख, भय या क्लेश नहीं पहुंचना चाहिए । तथा न ही पहुंचने की प्रेरणा या इच्छा करनी चाहिए। सदैव सत्य स्वरूप परमात्मा की ही शरण लेनी चाहिए।

मंगलवार को श्री हरि कृपा आश्रम में श्री रघुनाथ जी मंदिर के सम्मुख पवनपुत्र हनुमान जी के पावन व दिव्य स्वरूप का श्री महाराज जी के कर कमलों से उद्घाटन किया गया । इस बीच लगातार परम पूज्य श्री महाराज जी के दर्शनों व दिव्य अमृत वचनों को सुनने के लिए हज़ारों भक्तों का रोज़ ताँता लगा हुआ है ।आयोजकों ने पावन श्री गुरू पूर्णिमा महोत्सव पर सभी धर्म प्रेमी जनता को सप्रेम आमंत्रित किया है ।

महाराज श्री के दिव्य प्रवचन सुनने के लिए देश के विभिन्न प्रांतों से काफी संख्या में भक्तजन लगातार पहुंच रहे हैं। दिनांक 20 में 21 जुलाई को पावन गुरु पूर्णिमा महोत्सव के उपलक्ष में विराट धर्म सम्मेलन का आयोजन हो रहा है जिसमें हजारों भक्त,प्रमुख संत व प्रसिद्ध भजन गायक कलाकार पहुँच रहे हैं।20 जुलाई को प्रातः 7 बजे कलश यात्रा श्री हरि कृपा आश्रम से निकाली जाएगी । प्रातः 10 बजे श्री राम चरित मानस पाठ प्रारंभ किया जाएगा जिसका समापन 21 जुलाई को प्रातः 8 बजे होगा । 20 जुलाई को ही नित्य की भाँति सांय 4 बजे से श्री महाराज जी के दिव्य प्रवचन होंगे। 21 जुलाई को प्रातः 9 बजे से भजन, कीर्तन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, मयूर नृत्य होगा तथा श्री महाराज जी के दिव्य प्रवचन होंगे ।दोपहर 1 बजे से विशाल भण्डारे की व्यवस्था की गई है ।


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