बडोदिया में आर्यिका संघ का चातुर्मास मंगल कलश स्थापना संपन्न

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कुशलगढ|बडोदिया में आर्यिका सुयशमति माताजी संघ का चातुर्मास मंगल कलश स्थापना आयोजन भक्ति भाव पूर्वक किया गया। पुण्यार्जक परिवारो ने की स्थापना-चातुर्मास समिति अध्यक्ष केसरीमल खोडणिया ने बताया कि आर्यिका संघ व प्रतिष्ठाचार्य प्रदीप भैया सुयश अशोक नगर के सानिध्य में सर्व प्रथम दीपक कुमार पुत्र कांतिलाल खोडणिया परिवार ने ध्वजारोहण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया । जिसके उपरांत “आचार्य श्री ज्ञानसागर प्रथम कलश” के पूण्यार्जक अमन जैन,अशोक जैन,अरविंद जैन पुत्र लक्ष्मीलाल जैन परिवार के सृष्टि जैन, आंचल जैन,सुषमा जैन, सौरभ जैन,गौरव जैन परिवार व “आचार्य विद्यासागर” द्वितीय कलश के पूण्यार्जक नितेश जैन,नरेन्द्र जैन पुत्र बसंतलाल जैन परिवार के अवि जैन, रक्षा जैन,वंदना जैन,कोमल जैन,अंकुश जैन परिवार ने एवं “आचार्य कल्प विवेक सागर” तीसरा कलश विदित जैन,भुपेश जैन, राजकुमार जैन,धर्मेन्द्र जैन पुत्र जीतमल जैन परिवार के विमला देवी जैन ज्योति जैन,शर्मीला जैन,,शीला जैन निराली जैन पलक जैन निहार इन सभी परिवारजनों ने तीनो कलशो की स्थापना करने का सौभाग्य प्राप्त किया।संचालन प्रतिष्ठाचार्य प्रदीप भैया सुयश अशोक नगर व आशिष भैया तलाटी ने संयुक्त रूप से किया। जिनवाणी भेंट-आर्यिका संघ को गांधी रितेश जैन, पंकज जैन पुत्र केसरीमल जैन कलिंजरा,दोसी रतनपाल जैन पुत्र मोतीलाल जैन कलिंजरा, महिला मंडल बडोदिया व मोहित, हेमेन्द्र तलाटी पुत्र रमेश चंद्र तलाटी परिवार व सागर एमपी से पधारे दयोदय गौ सेवा संघ के अध्यरक्ष वीरेन्द्र जैन ने जिनवाणी भेंट करने का सौभाग्य प्राप्त किया। वागड के अलावा देश भर के कई नगरो से आए श्रद्धालुओं का जैन समाज बडोदिया ने पगडी पहनाकर स्वागत किया। बडे पुण्य से चातुर्मास मिला है तो धर्म का अर्जन करो-आर्यिका सुयशमति माताजी ने कहा कि बडोदिया वालो ने चातुर्मास के लिए बडी माताजी आर्यिका विज्ञानमति माताजी से बार बार निवेदन किया तथा बार बार श्रीफल ही नहीं चढाया बल्कि अपने आंखों के आंसुओं से इन्होंने बड़ी माता जी के श्री चरणों का प्रक्षालन किया इसी का परिणाम है कि आज आसाढ शुक्ल चतुर्दशी से कार्तिक कृष्ण अमावस्या दीपावली तक के लिए हम तीनो आर्यिकाओं का इस नगर में प्रवास रहेगा उसके लिए हमने भक्ति कर ली है। अब तो श्रावको को चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में आकर दिन में तीन बार लगने वाली धार्मिक कक्षाओं में भाग ले तथा ज्ञानार्जन प्राप्त करे । इस दौरान आर्यिका रजतमति माताजी ने कहा कि जैसा उत्साेह मंगल प्रवेश में व मंगल कलश स्थापना में दिखाया है वैसा ही उत्साह चार माह तक सभी को धार्मिक कक्षा में भाग लेकर दिखाना है ।


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