शाहपुरा में छात्राओं को स्टेशनरी का वितरण समारोह संपन्न

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शाहपुरा|स्वर्गीय उमा व्यास, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्या वीर माता माणिक कंवर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, शाहपुरा की चतुर्थ पुण्य तिथि के अवसर पर व्यास परिवार द्वारा स्थानीय विद्यालय में कक्षा एक से कक्षा 6 तक की 50 छात्राओं को स्टेशनरी किट वितरित की गई। समारोह का आयोजन एक महत्वपूर्ण अवसर था, जहां विद्यार्थियों को शिक्षण सामग्री वितरित कर उनकी शिक्षा में सहयोग दिया गया। इस अवसर पर श्रीमती उमा व्यास के पुत्र अखिल व्यास और पुत्रवधु रश्मि व्यास ने प्रमुख रूप से भाग लिया। समारोह में प्रधानाचार्या रीता धोबी, उप प्रधानाचार्या ममता राजावत, तब्बसुम खान, शकुन्तला छीपा, किरण सोदा, सुन्दर कोली, सुरेन्द्र बारहठ सहित समस्त स्टाफ और छात्राएं उपस्थित रहीं।

उमा व्यास का जीवन खादी पहनने और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए समर्पित रहा। उन्होंने शाहपुरा का पहला प्राइवेट विद्यालय, भारती सदन, का 17 वर्षों तक सफल संचालन किया। बाद में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, शाहपुरा की प्रधानाचार्या के पद पर कार्य करते हुए इसी विद्यालय से सेवानिवृत्त हुईं। उनके जीवन के प्रेरणादायक प्रसंगों में से एक यह भी है कि उन्होंने अपने बचपन का कुछ समय अपनी माता रमा देवी ओझा (स्वतंत्रता सेनानी) के साथ अजमेर जेल में बिताया था। 1942 में महात्मा गांधी के अजमेर प्रवास के दौरान वे उनके गोद में खेली थीं। उनकी शिक्षा वर्धा आश्रम और कस्तूरबा गांधी विद्यालय, इंदौर में हुई थी।
स्टेशनरी किट वितरण समारोह में उपस्थित सभी छात्राओं को पेन, पेंसिल, रबर, स्केल, नोटबुक और अन्य आवश्यक शिक्षण सामग्री प्रदान की गई। इस अवसर पर अखिल व्यास ने कहा, ष्शिक्षा समाज का महत्वपूर्ण स्तंभ है और हम चाहते हैं कि हर बच्चा अच्छी शिक्षा प्राप्त करे। मेरी मां का सपना था कि हर बच्चा शिक्षित हो और हम इस सपने को साकार करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। प्रधानाचार्या रीता धोबी ने व्यास परिवार के इस प्रयास की सराहना की और कहा, उमा व्यास का जीवन और उनका समर्पण हमारे लिए एक प्रेरणा है। उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। आज का यह कार्यक्रम छात्राओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है और इससे उन्हें शिक्षा में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी। समारोह में उपस्थित सभी अतिथियों ने अपने विचार साझा किए और छात्राओं को प्रेरित किया। उप प्रधानाचार्या ममता राजावत ने कहा, ष्शिक्षा हमारे जीवन को नई दिशा देती है और हम सभी का कर्तव्य है कि हम बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करें। व्यास परिवार का यह प्रयास सराहनीय है। तब्बसुम खान ने कहा, उमा व्यास का जीवन समाज के लिए एक प्रेरणा है। उनका समर्पण और उनकी शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता हमेशा याद रखी जाएगी। समारोह का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस अवसर पर छात्राओं ने खुशी व्यक्त की और कहा कि उन्हें इस प्रकार की सहायता से शिक्षा में और अधिक मेहनत करने की प्रेरणा मिलेगी। समारोह में उपस्थित सभी लोगों ने व्यास परिवार के इस नेक कार्य की सराहना की और भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों की अपेक्षा की। इस प्रकार के आयोजन न केवल बच्चों की शिक्षा में सहयोग करते हैं, बल्कि समाज में शिक्षा के महत्व को भी बढ़ाते हैं। श्रीमती उमा व्यास की पुण्य तिथि पर आयोजित इस कार्यक्रम ने शिक्षा के प्रति उनके समर्पण को पुनः सजीव कर दिया और यह साबित किया कि उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
50 छात्राओं को स्टेशनरी किट का वितरण। शिक्षा के प्रति उमा व्यास के योगदान को याद किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों ने प्रेरणादायक विचार साझा किए। बच्चों ने उत्साहपूर्वक कार्यक्रम में भाग लिया। इस प्रकार के आयोजन से न केवल बच्चों की शिक्षा में सुधार होता है, बल्कि समाज में शिक्षा के महत्व को भी बढ़ावा मिलता है। शाहपुरा के इस कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ रही है और लोग इस दिशा में सक्रिय योगदान दे रहे हैं।


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