प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर विकासखंड जसरा के अंतर्गत आईटीसी के तत्वाधान में पंख सोसाइटी द्वारा जैविक विकास कार्यक्रम के तहत जैविक खेती पर जोर दिया गया।पंख सोसाइटी द्वारा ग्राम पंचायत बुंदावा ,चामू , परसरा, चिल्ला, तातारगंज आदि ग्राम पंचायतों के लगभग एक हजार चयनित किसानों को जैविक खेती करने को प्रोत्साहित किया जा रहा।परसरा फार्मर प्रोड्यूसर एफपीओ कि ऑफिस में आज केवीके के कृषि वैज्ञानिक मदन सिंह एवम पंख संस्था के मैनेजिंग डायरेक्टर आरती थापा एवं जनरल मैनेजर रजत शर्मा के नेतृत्व में किसानों की बैठक की गई।मैनेजिंग डायरेक्टर आरती थापा ने सभी किसानों से आग्रह किया कि जैविक विकास कार्यक्रम से जुड़े ज्यादा से ज्यादा लोग जैविक खेती करें उन्होंने कहा कि हमारी संस्था हर संभव मदद के लिए आपके साथ खड़ी है।कृषि वैज्ञानिक मदन सिंह ने बताया कि पूर्व में जनसंख्या विस्फोट के कारण उत्पन्न खाद्य समस्या की भरपाई करने के लिए हरित क्रांति अस्तित्व में आई ,जिसके तहत भारी मात्रा में रासायनिक खादों का प्रयोग किया गया, जिसका परिणाम यह निकला की उत्पादन बढ़ा,साथ-साथ बीमारियां भी बढ़ी, और मिट्टी की जैव प्रणाली प्रभावित हुई। वर्तमान में किसानो द्वारा रासायनिक खादों के प्रयोग के कारण मिट्टी के जैविक तत्व नष्ट हो रहे हैं किसानों के खेत उसर में बदलते जा रहे हैं वहीं बड़े बूढ़े से लेकर छोटे-छोटे बच्चे डायबिटीज कैंसर ,अस्थमा, किडनी फेलियर, हार्ट डिजीज जैसी गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब में हरित क्रांति सबसे पहले शुरुआत की गई आज की स्थिति है कि पंजाब का हर दूसरा व्यक्ति कैंसर से पीड़ित है।पंख समिति के जिला कोऑर्डिनेटर बृजेश सोलंकी ने बताया कि रासायनिक छोड़ जैविक की तरफ नहीं मुड़े तो भुगतने पड़ेंगे भयंकर परिणाम ,बताया कि खेतों में ज्यादातर गोबर खाद ,मुर्गी खाद, ढैंचा ,वर्मी कंपोस्ट, दलहन तिलहन की खेती कर मोटे अनाजों को पैदा कर स्थितियों को सुधारा जा सकता है उन्होंने गाय के गोबर एवं गोमूत्र से वीजामृत, जीवामृत आदि बनाने के गुर भी सिखाए।पंख सोसाइटी के जनरल मैनेजर रजत शर्मा ने बताया कि आज का समय ग्लोबलाइजेशन का समय है हर व्यक्ति इंटरनेट के माध्यम से विश्व से जुड़ा है जैविक खेती करने वाले किसान को जब सर्टिफिकेट मिल जाएगा तो वह अपने उपज को अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी उच्च दामों पर बेच सकते हैं यह किसानों के लिए सुनहरा मौका है।परसरा एफपीओ डायरेक्टर सत्येंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जल्द ही यह एफपीओ किसानों के लिए वरदान साबित होगा।जब किसान जैविक खेती के विषय में जागरूक हो जाएगा को बार एवं गोमूत्र के महत्व को समझेगा उसी दिन से यह आवारा पशुओं का बाहर घूमना बंद हो जायेगा।आवारा पशुओं को बांधकर गोमूत्र एवं गोबर इकट्ठा किया जाएगा जिससे जैविक खाद , बर्मी कम्पोस्ट बनाकर बेचने से लेकर अपने खेती में स्तेमाल कर किसान फसल उत्पादन का उच्च दामों पर बेच लाभ प्राप्त कर सकता है।इस अवसर पर आशुतोष सिंह भदौरिया, विजय बघेल अखिलेश द्विवेदी,समर यादव, बचानी पाठक ,बाबा जी द्विवेदी ,बाबा पांडे ,वीरेंद्र यादव ,उदयवीर यादव, कृष्ण मिश्रा ,मुन्ना सिंह ,शिवदयाल आदि तमाम किसान मौजूद रहे।