शंकरगढ़ के हिनौती पांडे में अवैध खनन पर अंकुश लग पाना किसी चुनौती से कम नहीं

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बड़े पैमाने पर अवैध खनन कर किया जा रहा परिवहन सीएम योगी के आदेशों की उड़ रही धज्जियां

प्रयागराज। सूबे के मुखिया भले ही खनन माफियाओं पर अंकुश लगाने के नाम पर अपनी पीठ थपथपा रहे हों लेकिन यूपी पुलिस की धन उगाही कमाऊ खाऊ नीति प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेशों की धज्जियां तार-तार कर रही है। उत्तर प्रदेश का प्रयागराज जनपद भले ही कमिश्नरेट हो गया हो लेकिन तस्वीरें अभी भी पहले जैसी हैं। क्षेत्र में जिम्मेदारों के सरपरस्ती में न केवल अवैध कारोबारी फल फूल रहे हैं बल्कि इलाके के बिचौलिए अधिकारियों को खुशी का लिफाफा देकर अपनी धाक बनाए हुए हैं। सूत्र बताते हैं कि इतना ही नहीं वरिष्ठ अधिकारियों के नाम पर अवैध परिवहन कर रहे ट्रैक्टरों से प्रतिमाह के रूप में रकम वसूली होती है। बिचौलिए जो उक्त ट्रैक्टरों से रकम वसूलते हैं अपने आकाओं तक पहुंचाते हैं। अगर खुदा ना खास्ता परिवहन करते उनको पकड़ लिया गया तो बिचौलियों के एक फोन कॉल पर छूट जाते हैं।उनका रसूख भी ऐसा है कि फोन थाने पर या अधिकारी के पास तक पहुंचते ही पकड़े गए ट्रैक्टरों को छोड़ दिया जाता है। यूपी एमपी के बॉर्डर पर चल रहे अवैध खनन पर जिम्मेदार रोक लगाने में नाकाम दिख रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के हिनौती पांडे और पटहट कला के बॉर्डर पर बेधड़क अवैध खनन कर अवैध ओवरलोड परिवहन होता है लेकिन जिम्मेदार जानकर भी अंजान बने हुए हैं। सूत्रों की माने तो महज स्थानीय थाने के चंद कदम की दूरी पर गो आश्रय स्थल के पास भी हिनौती पांडे गांव में बत्ती बारूद से पत्थर तोड़ने के लिए खनन माफिया अवैध तरीके से ब्लास्टिंग करते हैं जिससे उड़ने वाले पत्थर के टुकड़ों से बेजुबान गोवंश भी चोटिल हो जाते हैं। जब की जानकारों का कहना है कि ग्राम प्रधान ने बार-बार प्रयास किया कि गो आश्रय स्थल के पास अवैध खनन बंद हो बावजूद उसके ब्लास्टिंग की आवाज जिम्मेदारों के कानों तक नहीं पहुंच पा रही है।पुलिस कमिश्नरेट द्वारा यदि मामले को गंभीरता से लेकर उच्च स्तरीय औचक निरीक्षण कराया जाए तो यमुनानगर के कई पुलिस कर्मियों और ज़िम्मेदारों पर गाज गिरना तय है।


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