बलिया। पन्नेलाल पिछले दो साल से नरही थाने का एसएचओ था और इस दौरान कई एसपी बलिया बदल गए लेकिन सबने पन्नेलाल को वहीं पोस्ट रखा। किसी डीआईजी, आईं जी, एडीजी या डीजीपी मुख्यालय ने कभी इस बारे में कुछ नही पूछा। आखिर बड़े बड़े अफसर बदलते रहे लेकिन पन्नेलाल वहीं तैनात रहा, ये बड़ी मिस्ट्री है। डीजीपी मुख्यालय ने इसकी उच्च स्तरीय जांच के आदेश नहीं दिए की आखिर पन्नेलाल वसूली वाले नरही थाने में दो साल से ज्यादा वक्त कैसे और क्यों तैनात था। कौन कौन से आईपीएस अफसर पन्नेलाल के नेटवर्क का हिस्सा थे। विजिलेंस जांच सीओ स्तर के पुलिस अधिकारी पर बैठी है बाकी पीपीएस और आईपीएस का तबादला महज हुआ है। डीआईजी आजमगढ़ ने खुद स्वीकार किया था की प्रतिदिन पांच लाख यानी महीने के डेढ़ करोड़ और साल के 18 करोड़ केवल उन ट्रकों से वसूले गए को बॉर्डर पार किए। पन्नेलाल वहां दो साल से अधिक था। हिसाब बहुत बड़ी रकम का है।