शंकरगढ़ ब्लॉक में ग्राम पंचायत टेंडर के नाम पर हो रहा बड़े पैमाने पर घोटाला

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टेंडर उसी स्वीकृत कार्य पर जा रहे हैं निकाले जिस पर हो रहा है अधिकांश काम या हो चुके हैं पूरे

प्रयागराज।ब्यूरो राजदेव द्विवेदी।जनपद के यमुनानगर शंकरगढ़ ब्लाक पर इस समय ग्राम पंचायत टेंडर के नाम पर ग्राम पंचायत अधिकारियों ने बड़ा खेल करना शुरू कर दिया है। क्षेत्र पंचायत से लेकर ग्राम पंचायतों में टेंडर प्रक्रिया में भारी गोलमाल किया जा रहा है। जिम्मेदार सरकारी नियमों को दरकिनार कर मनमानी रवैया नहीं छोड़ रहे। जिससे कार्यों में पारदर्शिता को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। शासनादेश के मुताबिक दस हजार से अधिक खर्च होने वाले विकास कार्यों के लिए सामग्री आपूर्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाया जाना जरूरी है। मगर ग्राम प्रधानों वा सचिवों की मनमानी के चलते नियमों का पालन होता कहीं से नहीं दिख रहा। हालात यह है कि उच्च अधिकारियों का आदेश की निकाली जाने वाली निविदा का प्रकाशन दो प्रचलित अखबारों में हो,साथ ही प्रकाशन तिथि से 15 दिन का अंतराल भी हो। ब्लॉक सूत्रों के मुताबिक ग्राम पंचायत का टेंडर उसी स्वीकृत कार्य पर निकाला जा रहा है जिस पर अधिकांश काम पूरे हो चुके हैं अथवा कार्य कराए जा रहे हैं यदि निष्पक्ष जांच हो जाए तो टेंडर के नाम पर भारी घोटाले का राज खुलना तय है। ब्लॉक सूत्रों के हवाले सेअगर इन सभी बिंदुओं को लेकर जिलाधिकारी समेत सीबीआई निदेशक को शिकायत मिली तो जांच के बाद सारी सच्चाई खुलकर सामने आ जाएगी। सूत्रों की मानें तो ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम प्रधान मिलकर मनमानी तरीके से समाचार पत्रों में प्रकाशन कर टेंडर का भुगतान कर रहे हैं। जानकार बताते हैं कि यहां तक की टेंडर का भुगतान अखबार के नाम ना करके व्यक्ति के नाम से उसके पर्सनल अकाउंट में किया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि टेंडर प्रकाशित करने में एक और बड़ा खेल खेला जा रहा है जिन अखबारों में टेंडर प्रकाशित कराया जा रहा है उसे अखबार के बिल का बिना डीएबीपी रेट प्रमाणित कराये मनमानी तरीके से भुगतान हो रहा है ग्राम पंचायत अधिकारी मनमानी तरीके से भुगतान कर रहे हैं।जबकि नियम यह है कि कोई भी भुगतान संबंधित फर्म के खाते में किया जाए लेकिन शंकरगढ़ ब्लाक में मनमानी तरीके से नियम कानून ताक पर रखकर भुगतान किया जा रहा है।


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