प्रयागराज। भ्रष्टाचार का वायरस नगर पंचायत शंकरगढ़ में ऊपर से लेकर नीचे स्तर तक के कर्मचारियों में फैला हुआ है। ड्यूटी पर ना आने वाले कर्मचारियों की हाजिरी लगाकर उसका मानदेय व वेतन निकलवाया जा रहा है। नगर पंचायत में भ्रष्टाचार चरम पर है यहां हर दिन एक नया मामला सामने आ रहा है। बिना ड्यूटी और मनचाहे स्थान पर कर्मचारियों की ड्यूटी के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है। विभागीय सूत्रों की माने तो कई ऐसे कर्मचारी हैं जो ड्यूटी पर आते ही नहीं मगर उनका वेतन निकलता रहता है। वैसे तो नगर पंचायत शंकरगढ़ हमेशा चर्चाओं में बना रहता है कभी सफाई की अव्यवस्था को लेकर तो कभी विकास कार्यों में निर्माण जैसे भ्रष्टाचार को लेकर। सूत्र बताते हैं कि नगर पंचायत में एक कर्मचारी जो शायद ही कभी ड्यूटी पर आता हो उसका चेहरा खुद यहां अधिकारी भी नहीं देखते हैं। विभागीय सूत्रों के हवाले से ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है जहां एक कर्मचारी चपरासी के पद पर नियुक्त है और सालों से ड्यूटी नहीं कर रहा है फिर भी उसको नगर पंचायत की तरफ से वेतन मिल रहा है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर ड्यूटी न करने वाले कर्मचारी को किसका संरक्षण प्राप्त है। बता दें कि अभी हाल ही में चपरासी के पद पर कार्यरत कर्मचारी की शिकायत शंकरगढ़ निवासी समाजसेवी घनश्याम केसरवानी ने जनसुनवाई के दौरान जिला अधिकारी प्रयागराज से की थी बावजूद उसके ऊपर किसी प्रकार की कार्यवाही ना करते हुए वेतन दिया जा रहा है जो जांच का विषय है। जानकार बताते हैं कि ऐसे चपरासी के पद पर कार्यरत कर्मचारी को विभागीय जिम्मेदारों का संरक्षण प्राप्त है। इस बाबत शीघ्र ही नगर पंचायत शंकरगढ़ के जिम्मेदारों से मीडिया टीम संपर्क कर जानकारी हासिल करते हुए विस्तार से अगले अंक में निष्पक्षता से मामले को प्रकाशित करेगी।