कुशलगढ़| आज दिगंबर जैन 20 पंथी नोहरा में दिगंबर संत श्री 108 सुमंत्र सागरजी के सानिध्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा रक्षाबंधन पर्व मनाया गया। इस अवसर पर दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष जयंतीलाल सेठ और जयंतीलाल कोवालिया द्वारा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जिला विभाग प्रचारक विकास राज और संघ जिला संघ चालक विजयसिंह देवदा एवं खंड संघ चालक कैलाश राव आदि का तिलक लगाकर माला पहनाकर शाल ओढ़ाकर उनका अभिवादन किया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला विभाग प्रचारक विकास राजने अपने संबोधन में कहा कि जन-जन में स्वयं की रक्षा का भाव जगाना रक्षाबंधन का संदेश है। रक्षाबंधन पर स्वभाषा, स्व परंपरा, स्वभूषा, स्व खान-पान और स्व ज्ञान की रक्षा के साथ समाज रक्षा और पर्यावरण की रक्षा का संकल्प हमें करना होगा। स्वाभिमान से परिपूर्ण समाज खड़ा करना हमारा संकल्प है। हम ज्ञान, विज्ञान, तकनीक में सर्वश्रेष्ठ रहे हैं। प्रकृति की रक्षा का संस्कार केवल सनातन में है। हम दुनिया को अपनी ज्ञान और परंपरा से श्रेष्ठ बनाने के लिए निकले थे। आज इसी ज्ञान और परंपरा का आधार लेकर भारत का विश्व गुरु होना विश्व की नियति बन चुका है। भारत विश्व की आशा का केंद्र है और भारत में जन-जन की आशा का केंद्र राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है। संघ साधना सारा देश चाहता है। सनातन विचार ही विश्व में मानवता को बचा सकता है। इसके लिए कृणवंतो विश्वमार्यम के मंत्र का घोष करते हुए दुनिया को फिर से श्रेष्ठ बनाने के लिए निकलना होगा। इस अवसर पर दिगंबर जैन समाज के 108 सुमंत सागरजी महाराज ने रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व है। रक्षाबंधन के दिन बहने अपने भाईयों की तरक्की के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं। राखी सामान्यतः बहनें अपने भाईयों को बांधती हैं परन्तु ब्राह्मणों, गुरुओं, सम्मानित सम्बंधियों (जैसे पुत्री द्वारा पिता को) और प्रतिष्ठित व्यक्तियों को भी राखी बांधी जाती है। इस अवसर पर रक्षाबंधन पर्व सुमंत्र सागर जी महाराज साहब के पीछी पर सभी लोगों ने रक्षासूत्र बांधकर पर्व मनाया गया। वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला विभाग प्रचारक विकास राज कोभी रक्षाबंधन बांधा गया वहीं उपस्थित लोगों ने एक दूसरे के हाथ पर रक्षाबंधन सूत्र बांधा गया दिगंबर जैन समाज नोहरे में बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष उपस्थित थे।