बौंली, बामनवास। यूंतो पूरे ही वर्ष क्षेत्र में अवैध बजरी खनन व परिवहन का धंधा बेलगाम चलता रहता है लेकिन इस अतिवृष्टि के दौर में भी यह कारोबार चल रहा है जिससे आमजन बेहद परेशान है लेकिन पुलिस की चुप्पी संदेह के घेरे में है। क्षेत्र के अनेको बुद्धिजीवियों व जनप्रतिनिधियों ने इस बारे में फोटो, वीडियो व लिखित साक्ष पेश कर एवं पत्रकार श्रद्धा ओम त्रिवेदी ने भी यह पाया है की सभी शिकायतें वास्तविक है। वर्तमान में वर्षा के कारण नदियों में पानी आ गया है लेकिन बजरी माफियाओं द्वारा अनेकों स्थान पर चारागाह भूमियों से खनन व परिवहन निरंतर किया जा रहा है इनके द्वारा सड़क मार्ग पर जगह-जगह बजरी के ढेर लगा रखें जिससे यह वाहनों में भरकर निकालते रहते हैं इस कारण आमजन का आना-जाना पैदल विकल्प व अन्य साधनों से मुश्किल हो गया है। यह बजरी माफियाओं यहां जटावती, डिडवाड़ी, हरसोता, मामडोली, अलूदा बालाजी होते हुए दिल्ली मुंबई 8 लाइन एक्सप्रेसवे से आगे निकलते हैं दूसरा मार्ग पीपलवाड़ा, बहनोली, बांस की पुलिया, गंगवाड़ा व सिसोलाव से निकाल कर जाता है तीसरा मार्ग डिडवाड़ी, बड़ोदिया जोलंदा से खिरनी होते हुए निकलता है एवं जोलंदा से बजरी भरकर खिरनी व भाडोती पुलिस चौकी मेगा हाईवे से जस्टाना होते हुए निकलते हैं या फिर सवाई माधोपुर जाकर कुसतला से दिल्ली मुंबई हाईवे पर चढ़ जाते हैं इन अवैध बजरी खनन परिवहन को रोकने के लिए जटावती, बांस की पुलिया, अलूदा बालाजी, सिसौलाव बपूई मोड़ पर विशेष तौर पर पुलिस पुलिस नाके बनाए गए हैं एवं क्षेत्र में बौंली थाना, मित्रपुरा थाना, खिरनी व भाडोती पुलिस चौकी पड़ती है चारों तरफ से आठ पुलिस सुरक्षा पहरा को लांघ कर यह अपना धंधा करते हैं यह किसी मिली भगत बिना संभव नहीं है इस अवैध बजरी खनन व परिवहन वाहनों से अनेकों सड़क दुर्घटना एवं मौत हो चुकी है लेकिन पुलिस को यह सभी समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है सड़क मार्ग पर ओवरलोड डंपर, पिकअप, केंट्रा, ट्रैक्टर ट्रॉली वह अन्य साधन गुजरते रहते हैं इस कारण सड़क मार्ग पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गया है। बौं नगर के थाने के सामने होकर सैकड़ो अवैध बजरी से भरे ओवरलोड वाहन रात्रि को निकालते रहते हैं इनसे जुड़े दलालों को पुलिस थानों व पुलिस वालों के साथ घूमते हुए आराम से देखा जा सकता है यह दलाल चौराहे पर इनकी रेकी करते रहते हैं एवं यूं ही वाहन नगर में होकर निकलते हैं मुख्य रोड़ों की बड़ी लाइटों को बंद कर देते हैं नागरिकों ने इनके स्विच बोर्ड पर ताले भी लगा दिए लेकिन उन्हें भी इन लोगों ने तोड़ दिया व लाइट बंद कर क्षेत्र से अवैध बजरी खनन व परिवहन कराते हैं। क्षेत्र में अवैध बजरी खनन बहुत गंभीर समस्या बनकर उभरी है अगर इस पर समय रहते नहीं रोका गया तो इसके गंभीर परिणाम देखने को मिलेंगे। पूरे राजस्थान के तहसील व जिलों में जितने ट्रैक्टर ट्रॉली नहीं होंगे उससे कई गुना ज्यादा इस क्षेत्र में मिल जाएंगे। राज्य सरकार को अवैध बजरी खनन व परिवहन पर कोई अंतिम निर्णय लेकर इसे खुलासा करना चाहिए जिससे इससे जुड़े लोगों को भी दलाली न देनी पड़े और आमजन को भी वाजिब रेट में सुलभता से बजरी उपलब्ध हो जावे।