गांव पांचलवासा (बड़गांव) में राणा पूंजा की जयंती मनाई

Support us By Sharing

बांसवाड़ा| अखिल राजस्थान अनुचित जाति /जनजाति छात्र संगठन बांसवाड़ा के पूर्व जिला संगठन मंत्री निकेश चरपोटा तत्वाधान में आज गांव पांचलवासा (बड़गांव) में राणा पूंजा की जयंती मनाई। छात्र संगठन के पूर्व जिला संगठन मंत्री निकेश चरपोटा ने बताया कि राणा पूंजा भील का जन्म 16वीं शताब्दी के दौरान राजस्थान के “मीरपुर” स्थान पर हुआ था। अरावली पर्वतओं के जंगलों में अनेक सारे भील क्रांतिकारी पैदा हुए, जो आगे चलकर मेवाड़ के रक्षक बने तथा इतिहास में अपना नाम अमर कर गए महाराणा प्रताप ने इन्हीं भीलों के साथ इन्हीं अरावली पर्वतों के जंगलों में निवास किया तथा घास की रोटी खाकर जीवन यापन किया था। परंतु अपने अंतिम क्षण तक मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की और धीरे-धीरे फिर से संपूर्ण मेवाड़ अपने अधीन कर लिया। इन सब में राणा पूंजा भील तथा संपूर्ण भील समुदाय का बहुत बड़ा योगदान रहा। इस अवसर पर अनिल मईडा ने बताया कि बांसवाडा जिला वागड़ क्षेत्र में आता है और वागड़ की पहचान वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप है। जब भी महाराणा प्रताप का नाम आता है तो उनके साथ राणा पूजा भील को भी याद किया जाता है क्योंकि महाराणा प्रताप की लड़ाई में राणा पूंजा भील ने अपने भील योद्धाओं के साथ अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। राणा पूंजा भील की शहादात व महानता की पूजा वागड़ क्षेत्र के जनजाति समाज करता है। इसलिए उदयपुर मेन रोड पर राणा पूंजा भील की मूर्ति डांगापडा सर्कल पर स्थापना की जावे। वार्डपंच प्रकाश मईडा अरुण आकाश सचिन और दिलीप ने भी अपने विचार व्यक्त किया। ये जानकारी पूर्व जिला संगठन मंत्री निकेश चरपोटा ने दी ।


Support us By Sharing