सवाई माधोपुर |आर्थिक, सामाजिक, मानसिक व शारीरिक रूप से सशक्त महिला से बनेगा राष्ट्र सशक्त: पुलिस अधीक्षक सुरक्षा सखी संवाद पखवाड़े के तहत जिला पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता की अध्यक्षता में मंगलवार को सुरक्षा सखी संवाद-कार्यशाला का आयोजन कलेक्ट्रेट सभागार में हुआ। जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार एवं पुलिस मुख्यालय महिलाओं के प्रति गम्भीर एवं संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि जब तक महिला आर्थिक, सामाजिक, मानसिक व शारीरिक रूप से सशक्त नहीं होगी तब तक समाज और राष्ट्र सशक्त नहीं बन सकता। पुलिस प्राथमिकताओं में भी महिला सुरक्षा विषय को प्राथमिकता प्रदान की गई है। इसी दिशा में महिलाओं, बालिकाओं में स्वयं की सुरक्षा के प्रति जागरूकता लाने, उन्हें सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य स्तर पर 5 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक सुरक्षा सखी पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। जिसके तहत प्रत्येक थाने से अधिकतम 3 सक्रिय सुरक्षा सखियों को अभियान में भाग लेने हेतु चिन्हित किया गया है। प्रत्येक थाना स्तर पर उक्त अतिभयान के पर्यवेक्षण हेतु एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जो चिन्हित सुरक्ष सखियों से सम्पर्क में रहकर उन्हें महिला उत्पीड़न एवं महिला जनित अपराधों को रोकने में उनके द्वारा किए जा रहे कार्यो की समीक्षा करेगा।
उन्होंने बताया कि थानाधिकारी उक्त अभियान के तहत सुरक्षा सखियों को महिला से संबंधित अपराध एवं उनके कानूनी उपचार कर्Ÿाव्यों एवं दायित्वों के बारे में जानकारी देंगे। वहीं सुरक्षा सखी उनके क्षेत्र में घर-घर जाकर महिलाओं-बालिकाओं से सम्पर्क कर उनको महिलाओं से संबंधित कानूनी जानकारी देंगी तथा महिलाओं द्वारा बताई गई समस्याओं व सुझावों से स्थानीय पुलिस को अवगत कराएंगी। उन्होंने बताया कि पखवाड़े के तहत चलाए जा रहे जन जागरूकता अभियान के पश्चात प्रत्येक जिले में सराहनीय कार्य करने वाली 5 सुरक्षा सखियों रेंज स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।
सुरक्षा सखी क्या है:- पुलिस निरीक्षक एवं प्रभारी जिला विशेष शाखा अंजना नोगिया ने बताया कि 14 से 70 साल की सक्रिय कोई भी महिला जो पुलिस और पीड़ित महिला के मध्य सेतु का काम कर सके उन्हें सुरक्षा सखी कहा जाता है।
उद्देश्य:- सुरक्षा सखी गठन के पीछे राज्य सरकार का उद्देश्य महिलाओं व बच्चों को सुरक्षा प्रदान करना है। वहीं महिलाओं को लैंगिक अपराधों, छेड़छाड़ सहित सम्पत्ति में हक के बारे में जानकारी प्रदान करना व महिलाओं को निर्भिक बनाकर अपनी बात रखना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना भी इसका उद्देश्य है।
कार्य:- सुरक्षा सखी का मुख्य कार्य पीड़ित महिला एवं पुलिस के मध्य सेतु का काम करना है। पीड़ित महिला की काउंसलिंग करके उसे निर्भिक बनाना है ताकि वह उसके ऊपर हुए अत्याचार-अपराध की सही जानकारी पुलिस को दे सके और अपराधिक दण्ड़ मिल सकें। सुरक्षा सखी घर से किसी भी कारणवश भागी हुई नाबालिग व बालिग महिला को समझाईश कर महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र पर पहुंचाना भी सुरक्षा सखी का कार्य है ताकि महिला को आवश्यकता के समय उचित सुरक्षा एवं निःशुल्क मार्गदर्शन प्राप्त हो सकें।
विद्यालय एवं महाविद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को छेड़खानी व दुर्व्यवहार बचाने के लिए निर्भया स्कवायड को जानकारी देना, महिला आत्मरक्षा के लिए विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्राओं को प्रशिक्षण देना।
उन्होंने बताया कि बच्चों से संबंधित अपराध के लिए बनाए गए चाईल्ड हैल्पलाईन नंबर 1098, महिला गरिमा हैल्पलाईन 1090, व्हाट्सएप हैल्पलाईन नंबर 8764853800 तथ विद्यालयों में गरिमा शिकायत पेटी के बारे में उनके क्षेत्र की महिलाओं को जानकारी प्रदान करना भी उनका उद्देश्य है।
इस दौरान सीआई एवं अपराध सहायक महेश सिंह सांधू, एएसआई एवं प्रभारी एंटी मानव तस्करी यूनिट अंसार अली, संबंधित पुलिस थानों की महिला डेस्क प्रभारी, कॉनिस्टेबल सहित संबंधित थानों की सुरक्षा सखियां उपस्थित रही।