धनपति कुबेर ने की इन्द्र सभा में रत्नो की वर्षा
बडोदिया| संयम का उपकरण पिच्छीका परिर्वतन का आयोजन आज सोमवार दोपहर में दो बजे से बडोदिया में प्रारंभ होगा। जिसे दोपहर में एक बजे बग्घी से नगर भ्रमण करवाकर मंच पहुंचाया जाएगा एवं किन्ही तीन परिवार को पिच्छी लेने का सौभाग्य मिलेगा तो वही सारी समाज को पिच्छीका स्पर्श करने का अवसर मिलेगा। ज्ञात हो बडोदिया जहां आर्यिका विज्ञानमति माताजी की शिष्याएं विराजमान है उनकी सन्निधि में यह कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है। छोटे छोटे नियमों को लेकर धर्म नगरी बडोदिया के प्रत्येेक श्रावक इस संयम के पर्व में शामील होगा ।
“लुट रहा लुट रहा रे” “बाबा का खजाना लुट रहा रे” शुभम भैया शुभांशु बडामलहरा के निर्देशन में एक तरफ भक्ति संगीत चल रहा था उसी दौरान श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान की इन्द्र सभा में धनपति कुबेर इन्द्र कांतिलाल खोडणिया व इन्द्राणी सज्जनदेवी खोडणिया ने रत्नो की वर्षा की जिसे हर कोई प्राप्त करना चाह रहा था। विधान के तीसरे दिन आर्यिका सुयशमति माताजी,आर्यिका उदितमति माताजी व आर्यिका रजतमति माताजी के सानिध्य में सौधर्म इन्द्र राजकुमार जैन व इन्द्राणी शर्मीला जैन एवं 32 मुकुटबद्ध राजाओं तथा श्रावको ने मंडल में 32 अर्घ्य चढाएं । दोपहर में पंचबालयति महामंडल विधान हुआ जिसमें सौधर्म इन्द्र सचिन जैन पूजा जैन व जयन्तिलाल जैन एवं अन्य पूण्यार्जक परिवारो ने इन्द्र बन अर्घ्य चढाए जलाभिषेक व शांतिधारा प्रात: आर्यिका संघ के सानिध्य में श्रीजी का जलाभिषेक व शांतिधारा का सौभाग्य नितेश जैन,संदीप जैन पुत्र अम्रतलाल जैन परिवार को मिला । विधान में पूर्णार्घ्य का अर्घ्य विद्यासागर बाल मंडल व जयमाला का अर्घ्य चढाने का पूण्यार्जन आस्था जैन धर्म पत्नी विपुल जैन खोडन परिवार को मिला । सांय अल्पेश खोडणिया पुत्र केसरीमल खोडणिया परिवार को बग्धी में बैठाकर गाजे गाजे के साथ विधान मंडप स्थल लाया गया जहां पर पंच परमेष्ठी,आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज व सर्व साधु की आरती की गई। नाटक का मंचन- जहां नेमी के चरण पडे गिरनार की धरती है गीत शाहगढ के संगीतकार विकास एण्ड पार्टी गा रहे थे इसी दौरान नन्ही: नन्ही बालिकाओं ने नेमी व राजुल बन वैराग्य के प्रसंग को प्रस्तुत किया तो हर किसी की आंखे भर आई। पूजा दीदी व आशिष भैया के निर्देशन में सति अंजना चंदनबाला सति सीता द्रोपदी व महासती मैना सुन्दरी ने जिनेन्द्र भक्ति से अपने कर्मो को किस प्रकार से क्षय किया यह द्रष्टांत नन्हे बच्चो ने प्रस्तु्त कर माहोल को धर्ममय बना दिया। सोमवार को आमंत्रण मौत का एवं रात्रिकालीन में कर्मो का फल का नाटक का मंचन किया जाएगा।