कलर थेरेपी के माध्यम से बच्चों के स्वभाव में एवं उनकी दिनचर्या में निश्चित रूप से होगा सुधार: गिरीश अग्रवाल
भीलवाड़ा। भगवती सेवा संस्थान की इकाई सेवाश्रम बौद्धिक दिव्यांग पुनर्वास गृह एवं विद्यालय में अध्यनरत बच्चों के लिए कलर थेरेपी एक्टिविटी का आयोजन किया गया। सचिव गिरीश अग्रवाल ने बताया कि भारत विकास परिषद स्वामी विवेकानंद शाखा की सदस्य सरोज पोद्दार के मार्गदर्शन में वंदना अग्रवाल, गुणमाला अग्रवाल एवं मनीता तोषनीवाल के सहयोग से यह एक्टिविटी कराई गई। सचिव अग्रवाल ने बताया कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए रंगों और रोशनी का इस्तेमाल करने का एक वैकल्पिक तरीका है, रंग चिकित्सा में विभिन्न रंगों का इस्तेमाल करके मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक कल्याण को बेहतर बनाने की कोशिश की जाती है। कलर थेरेपी के माध्यम से बहुत ही फायदेमंद नतीजे पाए गए हैं। अभिभावकों को शिक्षित करके यह थैरेपी बच्चों को रोज घर पर कराई जाएगी, कलर थेरेपी के माध्यम से बच्चों के स्वभाव में एवं उनकी दिनचर्या में निश्चित रूप से सुधार होगा। कलर थैरेपी लंबे समय तक करनी होती है जिसका फायदा नियमित थेरेपी करने से अवश्य मिलता है। बच्चों की जन्म तिथि के अनुसार कलर थेरेपी के रंग निश्चित किए जाते हैं। बच्चों के हाथ की उंगलियों के जोड़ पर अलग-अलग रंग स्केच पेन से किए जाते हैं और वह दिन में लगभग 8 से 10 घंटे लगा कर रखना होता है। जीवन में रंगों का बहुत महत्व है क्योंकि रंगों का यह इंद्रधनुष ही तो जिंदगी को रंगीन बनता है। कार्यक्रम में सेवाश्रम अध्यक्ष मधु काबरा, कार्यकारिणी सदस्य ओम जागेटिया एवं सेवाश्रम शिक्षिका आशा काबरा, निहारिका तोषनीवाल एवं अपर्णा बहन उपस्थित रहे।