महाविद्यालयीन शिक्षकों की मांगों को लेकर रुक्टा ने उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजा


कुशलगढ़, बांसवाड़ा।अरुण जोशी। राजस्थान विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ (रुक्टा) ने उप मुख्यमंत्री डा प्रेमचंद बैरवा व आयुक्त, कॉलेज शिक्षा ओमप्रकाश बैरवा को ज्ञापन भेजकर प्रदेश के महाविद्यालयीन शिक्षकों की लंबित समस्याओं के समाधान की मांग की है। रुक्टा के प्रदेश महामंत्री प्रोफेसर बनय सिंह ने बताया कि ज्ञापन में सातवें वेतनमान का 1 जनवरी, 2016 से 31 दिसम्बर; 2016 तक के बकाया एरियर राशि का भुगतान,पुरानी पेंशन योजना को बरकरार रखा जाना;स्पष्ट एवं पारदर्शी स्थानांतरण नीति का निर्धारण करने; राजसेस योजना में संचालित 340 महाविद्यालयों को सरकारी योजना में परिवर्तित किये जाने। शेष 242 सह आचार्यों को करियर एडवांसमेंट योजना का वास्तविक लाभ उनकी पात्रता तिथि से दिये जाने। संभाग स्तर पर संयुक्त निदेशक का पद सृजित किये जाने की मांग की गयी है। साथ ही डॉ सिंह ने बताया कि यूजीसी रेगुलेशन अनुरूप ओरिएंटेशन व रिफ्रेशर कोर्स की छूट अवधि को 31 दिसंबर 2023 तक बढ़ाने, सीएएस के तहत सीनियर स्केल,सिलेक्शन स्केल,पे बैण्ड -4, के प्राप्त आवेदनों का शीघ्र निस्तारण करने;प्रोफेसर व 400से अधिक रिक्त प्राचार्य पद के लिए होने वाली विभागीय पदोन्नति (DPC)नियत समय पर कराये जाने। अधिवार्षिकी आयु 65 वर्ष करने जैसी अनेक मांग की हैं।रुक्टा अध्यक्ष प्रोफेसर रघुराज परिहार ने इस बात पर जोर दिया है कि नई शिक्षा नीति लागू किए जाने के बाद महाविद्यालय में वर्ष पर्यंत सेमिस्टर सिस्टम की क्रियान्वयन हेतु विद्यासंबल योजना को नियमित रखे जाने। संविदा व्याख्याताओं को समस्त परिलाभ प्रदत्त करने तथा आरवीआरईएस पुस्तकालयाध्यक्ष एवं शारीरिक शिक्षकों को सीएएस के समस्त परिलाभ अविलंब पूरे करने; एम फिल,पीएचडी की वेतन वृद्धि पुनः लागू करने; निजी महाविद्यालयों के शिक्षकों को यूजीसी अनुरूप न्यूनतम वेतन निर्धारण जैसी इत्यादि समस्याओं के निराकरण की मांग की गयी है। यह जानकारी डाॅ बनयसिंह रुक्टा महामंत्री ने दी।