जिलाधिकारी ने पम्प हाउस के प्लास्टर में साल्टपिटर आने पर पम्प हाउस की लागत में 5 प्रतिशत कटौती किए जाने के दिए निर्देश

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जिलाधिकारी ने विकास खण्ड कौंधियारा में नवनिर्मित पानी की टंकी, ग्राम पंचायत सचिवालय, गोवंश आश्रय स्थल एवं वाटिका का किया निरीक्षण

प्रयागराज।जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने शुक्रवार को ग्राम पंचायत कुई विकास खण्ड कौंधियारा में नवनिर्मित पानी की टंकी का निरीक्षण किया। पानी की टंकी में पानी की सप्लाई के लिए बनाये जा रहे पम्प हाउस के प्लास्टर में साल्टपिटर आने पर पम्प हाउस की लागत में 5 प्रतिशत कटौती किए जाने के निर्देश दिए है। जिलाधिकारी ने जिला विकास अधिकारी को दो स्थानों पर खुदायी कराकर पाइप लाइन की गहराई व गुणवत्ता की जांच कराये जाने के लिए कहा है। जिलाधिकारी ने लक्ष्य के सापेक्ष कनेक्शन की स्थिति, मैटेरियल, क्षमता, गांव में घरों की संख्या, ओवरफ्लो आदि के बारे में प्रोजेक्ट मैनेजर से जानकारी ली। उन्होंने सम्बंधित निर्माण एजेंसी को पीने के पानी की पाईप लाइन बिछाये जाने के बाद खराब हुई सड़कों की मरम्मत कराये जाने के निर्देश दिए है। उन्होंने पानी की टंकी व बाउंड्रीवाल की गुणवत्ता देखी तथा विद्युत आपूर्ति हेतु सोलर इंस्टालेशन व निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जनरेटर की व्यवस्था कराये जाने के लिए कहा है। उन्होंने प्रोजेक्ट मैनेजर से निर्माण की लागत तथा जलापूर्ति कब तक प्रारम्भ हो जायेगी, के बारे में जानकारी ली एवं परिसर में इण्टरलाॅकिंग कराये जाने के निर्देश दिए है। इसके उपरांत जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायत कुई, विकास खण्ड कौंधियारा में नवनिर्मित ग्राम पंचायत सचिवालय का निरीक्षण किया तथा कार्य की गुणवत्ता को संतोषजनक न पाये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए टाॅयलेट व अन्य अपूर्ण कार्यों को जल्द से जल्द पूर्ण कराये जाने के निर्देश ग्राम सचिव व ग्राम प्रधान को दिया है।
इसके उपरांत जिलाधिकारी ने गोवंश आश्रय स्थल ग्राम-टिकरी, विकासखण्ड- कौंधियारा का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने गोवंश आश्रय स्थल में गोवंशों की संख्या के बारे में जानकारी ली। गोवंश आश्रय स्थल में गोवंशों की स्थिति ठीक न पाये जाने पर मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, ग्राम प्रधान व सचिव को स्थिति में सुधार लाये जाने एवं एक माह के पश्चात जिला विकास अधिकारी को गो आश्रय स्थल का पुनः निरीक्षण करने के निर्देश दिए है। जिलाधिकारी ने गौआश्रय स्थल पर लगायी जा रही इण्टरलाॅकिंग की गुणवत्ता को भी देखा। उन्होंने गोवंशों के स्वास्थ्य की जानकारी लेते हुए सम्बंधित पशुचिकित्सक को नियमित रूप से गोसंरक्षण केन्द्र का भ्रमण करते हुए संरक्षित गोवंशों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए कहा है। उन्होंने गोवंश आश्रय स्थल में गोवंशों के लिए हरा चारा, भूसा, पानी, साफ-सफाई की व्यवस्था को देखा तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए है। जिलाधिकारी ने गोवंश आश्रय स्थल में साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था व गोवंशों की देखरेख में लापरवाही पाये जाने पर ग्राम सचिव से स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। जिलाधिकारी ने गोवंश आश्रय स्थल पर संरक्षित गोवंशों का शत-प्रतिशत टीकाकरण किए जाने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने वहां पर प्रतिदिन कितना गोबर होता है तथा गोबर का क्या उपयोग किया जा रहा है एवं वर्मी कम्पोस्ट बनाये जाने के बारे में जानकारी ली। जिलाधिकारी ने गोवंश आश्रय स्थल पर गाय के बछड़ों व भूसा भण्डार को देखा एवं भूसे की मौजूदा क्रय दर के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने गो-पालकों, ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव को गोवंशों की अच्छे से देखभाल व हरा चारा खिलाये जाने के लिए कहा है। जिलाधिकारी ने गोवंशों को गुड़ भी खिलाया। ग्राम प्रधान के द्वारा बिजली की आपूर्ति बाधित होने व गौआश्रय स्थल के ऊपर बिजली का तार कम ऊंचाई पर होने की समस्या बतायी गयी, जिसपर जिलाधिकारी ने सम्बंधित अधिकारियों को समस्या का समुचित समाधान करने के लिए कहा है।
इसके उपरांत जिलाधिकारी ने गौ-आश्रय स्थल के समीप मियावाकी पद्धति से तैयार की जा रही वाटिका का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने वाटिका को विकसित किए जाने के लिए मिट्टी व कम्पोस्ट खाद को अच्छे ढंग से मिलाकर बेस तैयार करने के निर्देश दिए है। इस अवसर पर एसडीएम करछना, जिला विकास अधिकारी भोलानाथ कनौजिया, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी अनिल सिंह, खण्ड विकास अधिकारी कौंधियारा सहित सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

R. D. Diwedi 


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