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खंड विकास अधिकारी (आई ए एस) शंकरगढ़ भारती मीणा ने गौ संरक्षण केंद्रों का किया निरीक्षण

खंड विकास अधिकारी (आई ए एस) शंकरगढ़ भारती मीणा ने गौ संरक्षण केंद्रों का किया निरीक्षण

गोवंशों के रखरखाव में लापरवाही क्षम्य नहीं, संबंधित को दिए दिशा निर्देश-भारती मीणा

प्रयागराज।राजदेव द्विवेदी। जनपद के यमुनानगर विकासखंड शंकरगढ़ के नवागत खंड विकास अधिकारी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट (आईएएस) भारती मीणा ने गुरुवार को विकासखंड शंकरगढ़ क्षेत्र के नीवी ,हिनौती पांडे, वेमरा , अकौरिया व गाढ़ा कटरा गो संरक्षण केंद्रों का निरीक्षण किया। जहां उन्होंने केंद्र पर तमाम व्यवस्थाओं को बारीकी से जांचा और कहा कि साफ सफाई व चारे की व्यवस्था पर्याप्त रहनी चाहिए।गो आश्रय स्थलों में रह रहे गोवंशों के लिए मुकम्मल व्यवस्थाएं की जाए। गोवंशों के लिए चारा पानी एवं उनके रहने के लिए छाया की व्यवस्थित व्यवस्था होनी चाहिए। गौशाला में किसी भी तरह की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी और पशु खुले में नहीं रहेंगे। कहीं भी किसी जानवर को हानि पहुंचती है तो चिकित्सक तत्काल उनका उपचार करें। आगे उन्होंने कहा कि सभी पशुओं की ईयर टैगिंग अवश्य करा दें।शेड बाउंड्री वॉल पानी ,चूनी ,चोकर, भूसा आदि की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। गोवंशों के लिए सभी गौशाला में हरा चारा दो दिवस के अंदर तक ही प्रयोग किया जाए। जिन गौशालाओं में जल जमाव की स्थिति है उसे साफ कराया जाए अथवा मिट्टी पटाई का कार्य तत्काल कराया जाए। मृतक गोवंशों का निस्तारण मानक के अनुसार कराया जाए। गौशाला में किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति का प्रवेश किसी दशा में ना दिया जाए। सभी गौशालाओं में उनसे संबंधित पशु चिकित्सकों एवं केयरटेकर, ग्राम प्रधान व सचिव के नाम व मोबाइल नंबर अवश्य लिखवाया जाए। निरीक्षण के दौरान समस्त गो आश्रय स्थल के सभी पंजिकाओं को व्यवस्थित रखना सुनिश्चित कराएं। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं की जाएगी। आगे भारती मीणा ने कहा कि बेसहारा गोवंशों के संरक्षण एवं भरण पोषण सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में है। कोई भी व्यक्ति किसी भी गौशाला से पशु गोद ले सकते हैं। जिन व्यक्तियों द्वारा पशुओं को गोद लिया गया है उनके घर-घर जाकर निरंतर मॉनिटरिंग की जाए तथा देखा जाए कि पशु पालने में सक्षम है अथवा नहीं। जो व्यक्ति पशुपालन में सक्षम नहीं है उनके विरुद्ध भी कार्यवाही की जाए। गाय के गोबर से वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने की प्रक्रिया भी शुरू कराने को कहा। आगे उन्होंने कहा कि इससे गो संरक्षण केंद्र की आय भी होगी।गो आश्रय स्थल परिसर में लोहे की जाल से घेर कर छायादार पौधों को भी लगाने का निर्देश दिया है।


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